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राजस्थान: पोकरण में संदिग्ध पाकिस्तानी जासूस गिरफ्तार

राजस्थान के पोकरण में सुरक्षा एजेंसियों ने एक संदिग्ध जासूस को गिरफ्तार किया है. संदिग्ध का नाम मो. शाहीद गिलानी बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि उसकी संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ लिया.

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संदिग्ध का नाम मो. शाहीद गिलानी
संदिग्ध का नाम मो. शाहीद गिलानी

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राजस्थान के पोकरण में सुरक्षा एजेंसियों ने एक संदिग्ध जासूस को गिरफ्तार किया है. संदिग्ध का नाम मो. शाहीद गिलानी बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि उसकी संदिग्ध गतिविधियों को देखते हुए सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ लिया. उससे पूछताछ की जा रही है. उसका पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से संबंध हो सकता है.

राजस्थान में भारत-पाकिस्तान सीमा पर आए दिन आईएसआई के जासूस पकड़े जाते रहे हैं. इसी साल गणतंत्र दिवस से पहले पोखरण से दो सऊदी अरब के नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था. सुरक्षा एजेंसियों, मिल्ट्री इंटेलिजेंस और पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में उन्हें गिरफ्तार किया. उनके पास से सेटेलाइट थुरिया फोन भी बरामद हुआ था.

इन संदिग्धों की पहचान सऊदी अरब के अल सभान तलाल मोहमद और अल समरा मौजिद अब्दुल के तौर पर हुई थी. इनके साथ 1 अन्य संदिग्ध भी पकड़ा गया था, जो कि हैदराबाद का निवासी बताया गया. इनके पास से एक सेटेलाइट थुरिया फोन और 10 सामान्य फोन भी मिले थे. इससे वे आपस में बात किया करते थे.

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गणतंत्र दिवस से पहले इनकी गिरफ्तारी से सुरक्षा एजेंसियां और चौकन्ना हो गई हैं. मिल्ट्री इंटीलेजस व पुलिस की यह बहुत बड़ी कामयाबी मानी जा रही है. क़्योंकि जैसलमेर जिला पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है और यहां पर सेटेलाइट फोन के प्रयोग पर प्रतिबंध लगा है.

पाकिस्तान लगातार भारत में जासूसी का नेटवर्क बढाता जा रहा है. पिछले एक साल में सरहदी इलाकों में 20 से ज्यादा जासूस पकड़े गए हैं. इन जासूसों को पाकिस्तान से कॉल के जरिए फंसाया जाता है. ये कॉल झांसा देने वाली होती हैं. ये ऐसा लालच देते हैं कि झांसे में आकर आप अपराध की दलदल में उतर जाएं.

पोकरण में वतन से गद्दारी करने वाले एक पूर्व सैन्यकर्मी गोवर्धन सिंह की गिरफ्तारी हुई थी. उसने खुलासा किया था कि पाक खुफिया एजेंसी हिंदुस्तानियों को पैसे देकर अपना भेदिया बना रही है. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों का एजेंट गोवर्धन सिंह गुड्डी कभी हिंदुस्तानी फौज में जवान था. पेंशन लेने के बाद वह गांव का पटवारी बन गया. ले

गोवर्धन ने सेना में सेवा देने के गर्व और अपनी देशभक्ति को ही मिट्टी में मिला दिया. दो साल से वह आईएसआई के लिए पोकरण में जासूसी कर रहा था. गोवर्धन भारतीय सेना की जरूरी जानकारियां आईएसआई को मुहैया कराता था और बदले में उसे मोटी रकम मिलती थी. राजस्थान के पोकरण इलाके में सेना का बहुत मूवमेंट होता है.

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