अंतरराष्ट्रीय दिव्यांग तैराक विनोद सिंह की हत्या ब्लैकमेलिंग की वजह से हुई. वो एक राज्यस्तर के बालीवॉल महिला खिलाड़ी को ब्लैकमेल किया करता था. विनोद के मोबाइल से महिला खिलाड़ी के साथ कई आपत्तिजनक तस्वीरें मिली हैं. उन्हीं के जरिए वो महिला को ब्लैकमेल करता था. यही उसके हत्या का कारण बना.
जानकारी के मुताबिक, विनोद सिंह 6 जनवरी से लापता था. वो भागलपुर जाने की बात कहकर पटना से निकला, लेकिन फिर लौटा नहीं. दो हफ्ते बाद उसके घर वालों ने विनोद के अपहरण का मामला सचिवालय थाना पटना में दर्ज कराया. पुलिस उसकी तलाश कर ही रही थी कि 22 जनवरी को उसकी लाश भागलपुर में मिली.
उसकी बेरहमी से हत्या कर चेहरे को जला दिया गया था. लाश मिलने के बाद विनोद सिंह के हत्यारे की तलाश शुरू हुई. विनोद सिंह के परिजनों ने बालीवॉल की राज्यस्तर की महिला खिलाड़ी रंजना कुमारी और उसके परिवार पर शक जाहिर किया. पुलिस ने रंजना और उसके माता पिता से पूछताछ की तो इसके पीछे की कहानी निकल कर आई.
पुलिसिया जानकारी के मुताबिक, विनोद सिंह और रंजना कुमारी खेल के माध्यम से एक-दूसरे को जानते थे. विनोद रंजना की भरपूर मदद करता था. उससे शादी करना चाहता था. उस पर खूब पैसे लूटाता था. लेकिन बाद में रंजना को पता चला कि विनोद की शादी 2005 में हो गई है. उसके दो बच्चे भी है. रंजना ने उससे दूरियां बढानी शुरू कर दी.
इसके बाद भी विनोद ने उसका पीछा नही छोड़ा. तस्वीरों के बल पर उसे ब्लैकमेल करने लगा. वो कभी-कभी जबरदस्ती भागलपुर रंजना के घर चला जाता था. रंजना की बहन की शादी कहीं और तय हो गई थी. वह नहीं चाहती थी कि विनोद की वजह से शादी पर कोई असर हो. 6 जनवरी को विनोद को सुलह करने के बहाने बुलाकर उसकी हत्या कर दी गई.
रंजना की मां का कहना है कि इज्जत बचाने के लिए ये गलत काम करना पड़ा. तस्वीरों के जरिए ब्लैक होते-होते वो तंग आई गई थी. वो भागलपुर उसके घर तक पहुंच जाता था. घर में अंदर नहीं आने देने पर वो दरवाजे पर बैठा रहता था. विनोद को बिहार सरकार के लघु सिचाई विभाग में खेल कोटे से नौकरी लगी थी. उसका परिवार बंगाल में रहता है.