कथावाचक आसाराम को जोधपुर कोर्ट ने नाबालिग लड़की से रेप केस में दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है. उसकी राजदार शिल्पी और शरतचंद्र को 20-20 साल की सजा मिली है. वहीं, प्रमुख सेवादार शिवा और रसोइया प्रकाश को कोर्ट ने बरी कर दिया है. कोर्ट का फैसला आते ही आसाराम के समर्थक आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा अहमदाबाद आश्रम पहुंचे.
डीजी वंजारा ने कहा कि यौन शोषण केस में आसाराम पर दिए गए जोधपुर कोर्ट के फैसले का वह सम्मान करते हैं. कानूनी प्रकिया के बाद जो भी फैसला आया है, हम उसे शिरोधार्य करते हैं. लेकिन उनका कहना है कि उनके पास पीड़िता द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर की कॉपी है. इसमें उसने कहीं नहीं कहा है कि उसके साथ बलात्कार हुआ है.
वंजारा ने कहा कि कोर्ट में ट्रायल के दौरान भी पीड़िता ने कभी नहीं कहा कि उसके साथ रेप हुआ है. उसने कहा है कि उसे बुरी नियत से छुआ गया है. इसी बात पर बापू जी को दोषी करार दिया गया है. किसी भी कोर्ट का फैसला अंतिम नहीं होता है. हम इस फैसले का सम्मान करते हुए इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे. हमें भरोसा है कि न्याय मिलेगा.
इलाज के लिए आश्रम आई पीड़िता
आसाराम पर इलाज के लिए आश्रम आई एक 16 साल की नाबालिग लड़की से बलात्कार का आरोप है. पीड़ित परिवार के मुताबिक, 5 साल पहले पीड़ित परिवार ने अपने दो बच्चों को आसाराम के छिंदवाडा के गुरुकुल में पढ़ने के लिए भेजा था. 7 अगस्त 2013 को पीड़िता के पिता को छिंदवाडा गुरुकुल से ने बेटी के बीमार होने की खबर दी.
कुटिया में बुलाकर रेप का आरोप
अगले दिन जब पीड़िता के माता पिता छिंदवाडा गुरुकुल पहुंचे. उन्हें बताया गया कि उनकी बेटी पर भूत-प्रेत का साया है. इसे आसाराम ही ठीक कर सकते हैं. 14 अगस्त को पीड़िता का परिवार आसाराम से मिलने उनके जोधपुर आश्रम पहुंचा. 15 अगस्त की शाम को पीड़िता को ठीक करने के बहाने से आसाराम ने उसे अपनी कुटिया में बुलाकर रेप किया.
दिल्ली में दर्ज कराया था केस
इसके बाद पूरा परिवार घर वापस लौटा, तो 17 अगस्त को लड़की ने अपने घरवालों को सारी बात बताई. इसी बीच उन्हें पता चला कि आसाराम 18 से 20 अगस्त तक दिल्ली के रामलीला मैदान में शिविर कर रहे हैं. लिहाजा पूरा परिवार दिल्ली पहुंच गया और उन्होंने रामलीला मैदान के पास कमला मार्केट थाने में केस दर्ज करा दी.
इंदौर आश्रम से हुई थी गिरफ्तारी
यहां जीरो एफआईआर दर्ज कराई गई. इसके बाद इस केस को जोधपुर ट्रांसफर कर दिया गया. लेकिन जोधपुर पुलिस आसाराम पर हाथ डालने से डरती रही. पीड़ित परिवार ने हार नहीं मानी. मीडिया में खबर आने के बाद सरकार और पुलिस पर दबाव बढ़ा. इस तरह 16 दिन बाद आसाराम को इंदौर आश्रम से गिरफ्तार कर लिया गया.