जासूसी मामले में राजस्थान पुलिस ने दिल्ली से 2 लोगों को गिरफ्तार किया है. 32 साल के शाहनवाज खान और 42 साल के इरफान बेग को राजस्थान पुलिस ने दिल्ली की जामा मस्जिद और चांदनी चौक से गिरफ्तार किया है. ये दोनों सेना के जवानों को हनीट्रैप पर फंसाते थे और सूचना लेकर पाकिस्तान भेजा करते थे. राजस्थान पुलिस के सीआईडी शाखा ने इन्हें गिरफ्तार किया है.
करीब 15 दिन पहले जैसलमेर से सेना का एक सिपाही सोमवीर फौजी पहले गिरफ्तार किया गया था. सोमवीर पाकिस्तानी लड़की जो आईएसआई के लिए काम करती थी, उससे हनीट्रैप का शिकार हुआ और सेना की गोपनीय जानकारी उसे दी. इसके बाद फौजी की पूछताछ में पाया गया कि आईएसआई की महिला जासूस जिस सिम कार्ड का इस्तेमाल कर हनीट्रैप कर रहा थी, वो दोनों सिम दिल्ली के जामा मस्जिद और चांदनी चौक के सिम कार्ड डीलरों ने गलत नाम और पते पर जारी किए थे. फौजी को दिल्ली के लाजपत नगर इलाके के बैंक से पैसे भी डाले गए थे.
सोमवीर को तकनीकी निगरानी के आधार पर जैसलमेर आर्मी एरिया से गिरफ्तार किया गया था. सोमवीर रोहतक का रहने वाला है. अब तक की छानबीन से पता चला है कि पाकिस्तानी हैंडलिंग अधिकारियों ने हनीट्रैप मामले में आर्मी जवान को फंसाने के लिए स्थानीय लोगों के नाम से जारी सिम से गलत पते और आईडी बनाकर फेसबुक और व्हाट्सअप के जरिये सेना की गोपनीय सूचनाएं लीं. इसके एवज में सोमवीर की ओर से बताए खाते में पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर अज्ञात शख्स की ओर से पैसे भेजे गए. जानकारी में पता चला है कि दिल्ली की एसबीआई ब्रांच लाजपत नगर स्थित सीडीएस मशीन से अपनी पहचान छुपाते हुए 5 हजार रुपए जमा कराए गए थे.
जांच में पता चला है कि पाक की खुफिया एजेंसी की महिला एजेंट ने जो सिम उपयोग किए, उसे दिल्ली से जारी किया गया था. दो सिम रिटेलर शाहनवाज खान और इरफान बेग की ओर से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर स्थानीय गारंटर के रूप में अपना गलत नाम लिखते हुए जान बूझ कर जारी की गई थी. आगे जांच की जा रही है कि इन दोनों ने किन किन लोगों को किनके नाम से सिम जारी किए और इस षडयंत्र में कौन से लोग शामिल हैं.