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इंसानी सोच से परे मौत देता है बगदादी, जानिए क्रूरता की 10 खौफनाक कहानियां

बगदादी दुनिया में दहशत और दरिंदगी का एक जीता-जागता पुतला है. इसके इशारे पर पिछले ढाई सालों से अनगिनत लोग मौत के घाट उतारे जा चुके हैं, लेकिन मौत, मौत में भी फर्क होता है. बगदादी अपने दुश्मनों को जैसी मौत देता है, वो इंसानी सोच से परे है.

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आईएसआईएस का सरगना अबु बकर अल बगदादी
आईएसआईएस का सरगना अबु बकर अल बगदादी

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दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन आईएसआईएस के सरगना बगदादी का साम्राज्य अब खात्मे की ओर है. इराकी सेना और कुर्दिश लड़ाकों के आगे बगदादी ने अब अपनी हार मान ली है. उसने अपने विदाई भाषण में अरब के बाहर से आए आईएसआईएस के लड़ाको को आदेश दिया है कि वे अपने वतन लौट जाएं या खुद को बम से उड़ा लें. बगदादी ये बोल उसकी बर्बरता की आखिरी निशानी के रूप में सामने आया है. यह वही बगदादी है, जिसकी दरिंदगी के आगे ख़ौफ भी ख़ौफ खाने लगा थी.

बगदादी दुनिया में दहशत और दरिंदगी का एक जीता-जागता पुतला है. इसके इशारे पर पिछले ढाई सालों से अनगिनत लोग मौत के घाट उतारे जा चुके हैं, लेकिन मौत, मौत में भी फर्क होता है. बगदादी अपने दुश्मनों को जैसी मौत देता है, वो इंसानी सोच से परे है. इराक और सीरिया की रेतीली ज़मीन से होते हुए मौत इतने खौफनाक तरीके दुनिया तक पहुंचे, जितने न कभी देखे गए और न कभी सोचे गए. आइए जानते हैं, बगदादी और उसके आतंकियों द्वारा दी जाने वाली मौत के 10 तरीकों के बारे में.

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बगदादी के 10 चेहरे यानी मौत के 10 तरीके

बगदादी का चेहरा नंबर-1- सिर कलम
19 जून, 2016, राक्का, सीरिया, आईएसआईएस के जुल्मो-सितम के इतिहास में ये शायद अब तक का सबसे काला दिन था, क्योंकि इस रोज आईएसआईएस ने महज़ चार साल की एक बच्ची का सिर कलम कर दिया. वैसे तो आईएसआईएस की दरिंदगी की कोई इंतेहा ही नहीं, लेकिन फिर भी इतनी छोटी सी बच्ची का सिर कलम करने के पीछे आख़िर कौन सी वजह हो सकती थी? तो इसका जवाब है, उसकी मां का अल्लाह के नाम पर कसम खाना. फूल सी बच्ची वो इस मनहूस तारीख़ को अपनी मां के साथ घर से बाहर निकल आई थी.

उसकी मां उसे घर भेजना चाहा, लेकिन तैयार नहीं थी.वो जिद करने लगी. तब मां ने गुस्से में अल्लाह की कसम खाते हुए ये कहा कि अगर वो घर नहीं गई तो वो उसका सिर काट देगी. बस, इतनी सी बात आतंकवादियों के कानों में पड़ गई. फिर तो आतंकवादियों ने उस मां को ही बच्ची का सिर काटने के लिए कहा, लेकिन जब वो इसके लिए राज़ी नहीं हुई, तो आतंकवादियों ने खुद ही बच्ची का सिर काट डाला और उसकी मां के हाथ उसके खून से सान दिए. दरअसल आईएसआईएस अपनी शुरुआत से ही दुश्मनों का सिर कलम करता रहा है.

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या यूं कहें कि दुश्मनों को मौत देने का ये उसके सबसे पसंदीदा तरीका है. आईएसआईएस ने 25 जुलाई 2014 को जब पहली बार एक साथ 75 सीरियाई फौजियों का सिर कलम किया था, तो दुनिया चौंक गई थी. इसके बाद उसने ठीक कितने लोगों का सिर कलम किया, इसका सही-सही हिसाब किसी के पास नहीं. अलबत्ता ब्रिटिश और अमेरिकी बंधकों को कैमरे के सामने आईएसआईएस के जल्लादों का शिकार बनते दुनिया ने कई बार देखा और ये सिलसिला अब भी जारी है.

बगदादी का चेहरा नंबर-2- सिर में गोली मारना
किसी को घुटनों के बल जमीन पर बिठा कर बिल्कुल करीब से उसके सिर में गोली मारना कितना भयानक हो सकता है, ये आईएसआईएस ने दुनिया को दिखाया. दरिंदगी की सारी हदों से आगे निकल कर इस आतंकवादी संगठन ने नामालूम कितनों को ऐसे ही सिर में गोली मार कर मौत के घाट उतार दिया और अपने दुश्मनों के साथ उसका ये सुलूक अब भी चल रहा है. लेकिन अपने कुछ प्रोपेगैंडा वीडियो में तो आईएसआईएस ने जैसे सारी हदें की खत्म कर दी.

आईएसआईएस के आतंकवादी अब तक खुद अपने शिकार लोगों गोली मारा करते थे, लेकिन अब उसने ये काम मासूम बच्चों से भी कराना शुरू कर दिया. जी हां, कब्स ऑफ खेलिफ़ेट यानी खिलाफ़त के शावक के नाम से मासूम बच्चों को दहशतगर्दी की आग में झोंक कर आईएसआईएस ने उसने भी अपने दुश्मनों को गोली मरवाना शुरू कर दिया. वैसे तो आईएसआईएस के क़ानून की क़िताबों में हर गुनाह के लिए अपनी अलग सज़ा है. लेकिन आम तौर पर जासूसी के जुर्म में पकड़े गए लोगों ऐसी मौत देता है.

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बगदादी का चेहरा नंबर-3- ऊपर से फेंक कर मारना
फर्ज कीजिए किसी शख्स के हाथ पांव बेड़ियों में जकड़े हैं. वो संगीनों के साये से घिरा है और भागना तो दूर वो अपनी मर्जी से सांस भी नहीं ले सकता. उसे उसी हालत में किसी इमारत की सबसे ऊपरी मंजिल पर ले जाया जाता है. फिर इमारत के नीचे खड़े लोगों के बीच मुनादी कर उसके गुनाहों की कहानी सुनाने के बाद उसे ऊपर से सीधे नीचे धकेल दिया जाता है. ये एक ऐसा मंज़र है, जिसके बारे में सोच कर ही रौंगटे खड़े हो जाते हैं. लेकिन आईएसआईएस के राज में समलैंगिक होना, ऐसा गुनाह है जिसके लिए बस यही मौत बनती है.

बगदादी का चेहरा नंबर-4- संगसार कर मारना
संगसार करना यानी पत्थरों से कुचल कर जान लेना. क्या कुछ इंसान अपने ही जैसे इंसानों की जान पत्थरों से कुचल कर ले सकते हैं? आपके लिए सोचना बेशक मुश्किल हो, बहुत से कट्टर मुस्लिम मुल्कों में आज भी ऐसा करना क़ानून के दायरे में हैं. फिर आईएसआईएस तो नफ़रत और कट्टरपन की सारी हदों से आगे है. लिहाज़ा, आईएसआईएस भी अक्सर ऐसे दर्दनाक तरीक़े से लोगों की जान लेता रहा है. वैसे संगसार का शिकार अक्सर वैसी महिलाएं ज़्यादा होती हैं, जिन पर किसी से नाजायज़ रिश्तों का इल्ज़ाम लगता है.

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बगदादी का चेहरा नंबर-5- आग में जलाकर मारना
पिंजरे में कैद ने इन तुर्की के सैनिक को जो मौत दी गई उसने बगदादी की घटती दहशत को फिर से ज़िंदा कर दिया. सीरिया में तुर्की के दखल से बौखलाए बगदादी ने इन सैनिकों को मौत देने से पहले पिंजरे में बंद किया. जानवरों की तरह घुटनों के बल चलाया और फिर हैवानियत की ऐसी इबारत लिखी, जिसे शायद इतनी आसानी भुलाय नहीं जा सकेगा. बारूद से भरी इन पट्टियों को ज़ंजीरों के ज़रिए इन तक पहुंचाया गया और फिर इन्हें उससे जकड़ दिया गया. लोहे की इन ज़ंजीरों में भागने की कोई गुंजाइश नज़र नहीं आ रही है.

मौत से पहले खौफ के हर एक लम्हे को बगदादी के गुर्गे कैमरे पर रिकॉर्ड कर रहे हैं. डर के मारे इनका गला इस कदर खुश्क पड़ चुका है. पेट्रोल में पहले ही नहलाए जा चुके इन तुर्की सैनिकों को एक इशारा मिलते मौत की आग में झोंक दिया गया. काले लिबास वाले इस यमराज ने मौत का रिमोट निकाल लिया. ये रिमोट दरअसल उस बारूद का ट्रिगर है जो इस लोहे की चेन से गुज़रती हुई इनके जिस्मों को छू रही है. ट्रिगर दबा और बारूद ने आग पकड़ ली. लम्हा लम्हा मौत तेज़ी से बढ़ने लगी. जिंदगी ने इन लपटों में झुलस कर दम तोड़ दिया.

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बगदादी का चेहरा नंबर-6- बोट में बिठाकर मारना
तारीख में शायद ही किसी जल्लाद ने मौत के इतने तरीके निकाले हो जितने इस एक साल में बगदादी ने अपने गुनहगारों को दिए, जो मौत उसने इन 6 बंधकों को दी खुदा करे वैसी कोई किसी को न दे. आईएसआईएस के इन दरिंदे ने मौत का ये दर्दनाक खेल खेलने के लिए तमाम इंतेज़ाम किए हैं. एक एक कर इन्हें इस सफेद बोट में बिठाया गया. वीडियो में नज़र आ रहा है कि दो बंधक पहले से बैठे हुए थे और बाकी के चार बंधकों को ये दो आतंकी गर्दन से पकड़कर बोट की तरफ ले जा रहे हैं.

दो दो के जोड़े में इन बंधकों को बोट में बिठा दिया गया. सबके चेहरे पर मौत का खौफ साफ नज़र आ रहा है. ये जानते हैं कि यहां से बच पाना नामुमकिन है, लेकिन मगर जालिम बगदादी के बंधकों को मौत भी आसानी से नहीं मिलती. बोट में बैठे बेहद कम उम्र के इन लड़कों के दिल में कितनी दहशत होगी इसका अंदाज़ा लगा पाना भी मुश्किल है. नाव में बिठाकर पहले इनके हाथ पैर बांध दिए गए. फिर इस बोट को पानी के बीच में छोड़ दिया गया. बोट पानी में तैर रही, मौत रफ्ता रफ्ता करीब आती रही.

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बगदादी का चेहरा नंबर-7- पानी में डुबोकर मारना
लोहे का पिंजरा है जिससे निकलना नामुमकिन है. पिंजरे में लगे छोटे-छोटे कैमरे. इसमें मौत के मंजर को रिकार्ड करेंगे ये क्रूर आतंकी. एक-एक कर 5 कैदियों को नारंगी रंग के जंपसूट पहना कर पिंजरे में भेजा गया. सबके चेहरों पर मौत का खौफ है. तभी एक इशारा मिलते ही क्रेन इस पिंजड़े को पानी के बीचो-बीच ले आई और धीरे धीरे पिंजड़े को पानी में डूबनो शुरू कर दिया गया. पिंजड़ा में पहले आधा और फिर पानी मुंह तक भरा. पिजड़ा पानी के अंदर चला गया और जब वापस निकाला गया तो सासें रुक चुकी थीं.

बगदादी का चेहरा नंबर-8- विस्फोटक बांधकर मारना
जासूसी के इल्जाम में आईएसआईएस के पंजे में आए इन सात लोगों को उसने ऐसी मौत दी कि पूरी दुनिया थर्रा गई है. नरसंहार की ये तस्वीरें ऐसी है कि इन्हें किसी भी सूरत दिखा पाना मुमकिन नहीं है. खुले मैदान में 7 लोगों को बंदी बनाकर लाया गया. सभी कैदियों के हाथ पीछे कर के बांध गए और इनकी गर्दनों में नीले रंग की एक्सप्लोसिव वायर को बांधा गया फिर डेटोनेटर के धमाके के साथ इन सभी की जीवन लीला को समाप्त कर दिया. इसे देखकर तो शायद बड़े से बड़ा ज़ालिम भी थर्रा जाए.

बगदादी का चेहरा नंबर-9- कार में धमाके से उड़ाना
चार कैदियों को आईएसआईएस के आतंकी इस तरह मौत के करीब ले गए. हाथ बंधे हुए. गर्दन आतंकियों ने जकड़ में. एक एक करके इस कार में बिठाकर बांध गया. कार को बाहर से लॉक किया गया. इन्हें यहां से मौत का सफर तय करने के लिए अकेला छोड़ दिया गया. फिर एक आतंकी के हाथों में नज़र आया पूरी तरह से लोड मोर्टार लॉन्चर. जिसका निशाना कार पर था. एक इशारे के बाद मोर्टार चली और सीधे इस कार में जा धंसी. एक धमाके के साथ कार में बैठे लोगों के परखच्चे उड़ गए.

बगदादी का चेहरा नंबर-10- सूली पर लटका कर मारना
सूली पर लटकाने की तस्वीरें आतंक के साम्राज्य से बहुत आईं. लेकिन अमेरिकी जासूसों को इस साल बगदादी के आतंकियों ने जिस तरह मारा उसे हैवानियत को भी लफ्ज़ों में बयां कर पाना मुश्किल है. कसाई खाने में जिस तरह जिब्हा करने के बाद जानवर को लटकाया जाता है. वैसे ही इन बंधकों को लटकाने के लिए आतंकियों ने पहले तो इनके हाथ बांधें और फिर एक एक करके उन्हें घसीटकर उस जगह लाया गया जहां मौत दी गई. फिर उन्हें उलटा लटका दिया गया. इस तरह खौफनाक मौत से हर कोई दहल उठा.

 

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