बांग्लादेश में बंगाल खिलाफा के सरगना शेख अबू इब्राहिम अल-हनीफ ने खुलासा किया है कि आतंकी संगठन आईएसआईएस पाकिस्तान और बांग्लादेश में अपने जेहादी बेस के जरिए भारत में गोरिल्ला हमला करने की योजना बना रहा है. आईएस जेहादी बेस बनाने के लिए पाक और बांग्लादेश को सबसे बेहतर और सटीक जगह मानता है.
दुनिया के कुख्यात आतंकी संगठन आईएसआईएस ने भारत पर हमले का इरादा साफ कर दिया है. उस आतंकी संगठन का मानना है कि बांग्लादेश और पाकिस्तान में बनाए गए बेस से भारत पर हमला करना बेहतर होगा.
दरअसल इस बात खुलासा अप्रैल में ऑनलाइन पत्रिका दबिक को दिए गए एक इंटरव्यू में शेख अबू इब्राहिम अल-हनीफ़ ने कहा कि एक बार ग्रुप (आईएसआईएस) बांग्लादेश में अपने बेस पूरी तरह तैयार कर ले तो फिर उसके बाद भारत के पूर्वी और पश्चिमी इलाकों में आराम से सेंध मारी की जा सकती है.
साक्षात्कार में शेख ने कहा कि भारत पर गोरिल्ला हमला शुरू करने और जेहादी बेस बनाने के लिए बंगाल (आईएस बांग्लादेश को बंगाल कहता है) सबसे बेहतर और सटीक रणनीतिक जगह है. बंगाल भारत के पूर्वी इलाके में है जबकि विलायत खुरासन पश्चिम में. इसीलिए बंगाल में एक मजबूत जेहादी बेस बनाने के बाद भारत के मुजाहिदीनों की मदद से दो तरफा गोरिल्ला हमला करना बेहतर रहेगा.
इससे वहां के लोगों में डर और अराजकता दोनों फैलेगी. इंटरव्यू के दौरान शेख ने कहा कि अभी आईएसआईएस कमजोर, छोटा और कम संसाधन वाला भले ही है, लेकिन उसके सैनिक अपने दुश्मन से निपटने के लिए अपने चाकू की धार लगातार तेज कर रहें हैं.
आईएस के इस आतंकी का मानना है कि भारत और बांग्लादेश के हिंदू, इस्लाम और मुस्लिमों को खिलाफ युद्ध छेड़ रहें हैं. फर्क बस इतना है कि भारत के हिंदू इस्लाम और मुस्लिमों के लिए केवल बैर रखते हैं जबकि बांग्लादेश के हिंदुओं के मन में तो कपट भी है क्योंकि वो यहां अल्पसंख्यक हैं.
शेख ने इसके बाद भारत और बांग्लादेश के मुस्लिमों से जेहाद करने के लिए गुहार लगाई है. उसने कहा कि वो हर समर्थ मुस्लिम को अपने तन और धन से जेहाद की सलाह देता है क्योंकि यह हर मुस्लिम का कर्तव्य है.
इस दौरान नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए ने एक आतंकी की गिरफ्तारी के बाद खुलासा किया है कि आईएसआईएस भारत में आतंकी गतिविधि और साम्प्रदायिक दंगे फैलाने की योजना बना रहा है. यह खुलासा इंडियन मुजाहिदीन के गिरफ्तार सदस्य ने किया है जो अब आईएस में शामिल हो चुका है.
इससे साफ पता चलता है कि आईएसआईएस का पहला मकसद भारतीय युवकों को गुमराह करके उन्हें देश के खिलाफ भड़काना है. एनआईए के मुताबिक एक समूह हथियारों और विस्फोटकों की खरीद के लिए प्रयास भी कर रहा था. इतना ही नहीं आतंकी कैम्प के लिए जगह भी चुनी जा चुकी थी.
आतंकी संगठन से जुड़े लोग कई युवाओं को भड़का कर आईएसआईएस में शामिल करके पुलिस और प्रवासी विदेशियों को भी निशाना बनाने की साजिश रच रहे थे.
आंकड़ों पर नजर डालें तो सीरिया में अब तक 6 भारतीय आईएसआईएस के लिए लड़ते हुए मारे जा चुके हैं. खुफिया सूत्रों के मुताबिक 23 भारतीय इस आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए सीरिया जा चुके हैं, लेकिन उनमें से 2 वापस आ गए थे.