राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की स्पेशल कोर्ट में भी नोटबंदी का असर तब देखने को मिला जब, एक आईएस संदिग्ध ने कोर्ट से अपने 2 लाख 83 हजार के पुराने नोटों को बदलने की मांग की. कोर्ट ने आरोपी की अपील को स्वीकार करते हुए जांच अधिकारी को संबंधित निर्देश दिए.
हमारे सहयोगी अखबार मेल टुडे के मुताबिक, दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन माने जाने वाले आईएसआईएस के साथ संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किए गए सैयद मुजाहिद ने सोमवार को एनआईए की स्पेशल कोर्ट में अपने पुराने नोटों को बदलने की मांग की. सैयद की पैरवी कर रहे उसके वकील एम.एस. खान ने अदालत से कहा, पिछले साल जनवरी में सैयद के कर्नाटक स्थित घर की तलाशी के दौरान जांच एजेंसी ने सैयद और उसके माता-पिता की मेहनत की कमाई के तकरीबन 2 लाख 83 हजार रुपये जब्त किए थे.
मुजाहिद ने कोर्ट को बताया कि वह रुपये उसकी फलों की दुकान और उसके माता-पिता की पेंशन से उसे मिले थे. स्पेशल कोर्ट जज ने आईएस संदिग्ध मुजाहिद की याचिका पर सुनवाई करते हुए जांच अधिकारी को जब्त किए गए पुराने नोटों की एक एफडी तैयार करवाने के निर्देश दिए, ताकि मुजाहिद के परिवार को तय समय पर वह रकम नये नोटों में मिल सके. गौरतलब है कि मुजाहिद के पिता बतौर तहसीदार रिटायर हुए थे, वहीं मुजाहिद की मां एक स्थानीय स्कूल में शिक्षिका थी. अदालत के फैसले पर मुजाहिद की पत्नी सुमैया ने संतुष्टि जाहिर की है.
सुमैया ने बताया कि जब्त किए गए रुपये उसके पति की फलों की दुकान और उसके सास-ससुर की पेंशन से मिले थे. वर्तमान में घर का खर्च सास-ससुर की पेंशन से चल रहा है. बताते चलें कि पिछले साल जनवरी में एनआईए ने कई राज्यों के 6 शहरों में 12 जगहों पर छापेमारी की थी. छापेमारी में एनआईए ने दर्जनों संदिग्धों को आईएस के साथ संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया था. एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान उन्होंने मुजाहिद और दो अन्य संदिग्धों के पास से 5 लाख 42 हजार रुपये जब्त किए थे. गिरफ्त में आए सैयद मुजाहिद पर युवाओं को बरगलाने और जिहादी जंग में आईएस के लिए युवाओं को भर्ती करने का आरोप है.