राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है. लखनऊ एनकाउंटर में मारे गए आईएस आतंकी सैफुल्ला के चचेरे भाई आसिफ इकबाल ने ही पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी की रैली में बम लगाया था. हालांकि विस्फोट से पहले ही सुरक्षा एजेंसियों ने बम बरामद कर लिया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लखनऊ एनकाउंटर के बाद गिरफ्त में आए आतंकियों ने कबूल किया कि पिछले साल 11 अक्तूबर, 2016 को दशहरे के दिन लखनऊ के ऐशबाग रामलीला मैदान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में उन्होंने ब्लास्ट की साजिश रची थी. बम लगाने की जिम्मेदारी सैफुल्ला के भाई (ताऊ के लड़के) आसिफ इकबाल को सौंपी गई थी.
आसिफ 11 अक्तूबर, 2016 यानी रैली से 6 दिन पहले लखनऊ पहुंच गया था. उसने वहां सैफुल्ला और गौस मोहम्मद के साथ मुलाकात कर प्लान को अंजाम देन का खाका तैयार किया. सैफुल्ला ने उसे बम दिया, जिसे रैली वाली जगह पर लगाना था. प्लान के अनुसार आसिफ ने रैली स्थल पर बम लगा भी दिया था लेकिन वक्त रहते एजेंसियों ने बम बरामद कर लिया.
सूत्रों की मानें तो लखनऊ स्थित ठाकुरगंज के जिस घर में सैफुल्ला का एनकाउंटर किया गया, वहीं पर आसिफ के खिलाफ सबूत मिले थे.
बताते चलें कि इसी साल मार्च में एटीएस ने लखनऊ में आईएस के संदिग्ध आतंकी सैफुल्ला को मार गिराया था. इस एनकाउंटर के बाद एटीएस ने आईएस के खुरासान मॉड्यूल का खुलासा करते हुए गौस मोहम्मद खान, दानिश, फैसल, आतिफ मुजफ्फर, अजहर आदि को गिरफ्तार किया था. यह लोग भारत में आईएस के खुरासान मॉड्यूल को बढ़ा रहे थे.
10 बातों से जानें, क्या है आईएस का खुरासान मॉड्यूलः
1. आईएस खुरासान मॉड्यूल ने यूपी में आतंकी हमले की योजना बनाई थी लेकिन चुनाव के कारण कड़ी सुरक्षा के बीच उसके लड़ाके हमला नहीं कर पाए. जिसके बाद उन्होंने मध्य प्रदेश में पैंसेंजर ट्रेन में धमाके की कोशिश की. हालांकि, ये हमला सफल नहीं हो सका और कई आतंकी पकड़े गए. यह सभी आईएस के खुरासान मॉड्यूल से जुड़े हैं.
2. आईएसआईएस का खुरासान मॉड्यूल पाकिस्तान के तहरीक-ए-तालिबान का एक हिस्सा है जो कि खुरासान समूह के नाम से जाना जाता है.
3. ये आतंकी समूह मूलतः पाकिस्तान और अफगानिस्तान में मौजूद है.
4. ये आतंकी समूह बगदाद में आतंकियों की रिक्रूटमेंट करता है.
5. भारत में आतंकियों की रिक्रूटमेंट ये समूह बांग्लादेश ब्रांच की मदद से करता है.
6. ढाका में कैफे में आतंकी हमले की पीछे इसी समूह का हाथ माना जाता है.
7. 2016 में हैदराबाद के 6 युवकों को कोलकाता में पकड़ा गया था. खुलासा हुआ कि ये आतंकी बांग्लादेश के रास्ते सीरिया जाने की फिराक में थे. ढाका में आईएसआईएस के आतंकियों से इन्हें मिलना था.
8. दिसंबर 2016 में NIA ने तमाम एजेंसियों के साथ मिलकर देश के अलग-अलग शहरों में छापेमारी की थी और आईएसआईएस के खुरसान मॉड्यूल के 17 सदस्यों को पकड़ा था.
9. ठाणे के तीन युवकों के सीरिया जाकर खुरसान ग्रुप के साथ मिल जाने का भी खुलासा हुआ था.
10. खुरासान ग्रुप के आतंकी सीरिया से तमाम देशों में अपने स्लीपर सेल के संपर्क में रहते हैं और उन्हें साजिश की प्लानिंग बताते हैं और ऑनलाइन बम बनाने और धमाके की ट्रेनिंग देते हैं. आतंकी आका इसके लिए वीडियो कॉलिंग और टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप का भी इसेतमाल करते हैं.