इजरायली दूतावास के पास धमाके की जांच में नए खुलासे हो रहे हैं. जांच में पता चला है कि जिस बम का इस्तेमाल किया गया था, उसकी बनावट और दूसरे डिटेल से पता चलता है कि उसे एक प्रोफेशनल ने तैयार किया था. जांच एजेंसियों के सूत्र बताते हैं कि बम तैयार करने वाले व्यक्ति को पहले से इसकी ट्रेनिंग दी गई थी. ये खुलासे इस ओर संकेत करते हैं कि इजरायली दूतावास के पास धमाका किसी एजेंसी या सैन्य संगठन की करतूत हो सकती है.
इस धमाके की जांच के लिए देश की टॉप एजेंसियां लगी हुई हैं. NSG इस्तेमाल विस्फोटकों का विश्लेषण कर रही है, जबकि NIA और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल भी जांच कर रही है.
सूत्रों से अब तक की जांच में पता चला है कि ब्लास्ट के लिए टाइमर का इस्तेमाल किया गया था. जांचकर्ताओं ने घटनास्थल से ड्राई सेल के टुकड़े इकट्ठा किए हैं. माना जा रहा है कि इससे जांच और भी मुश्किल हो जाएगी. आशंका ये है कि धमाके के लिए प्रयोग में लाया गया विस्फोटक मिलिट्री ग्रैड का है. हालांकि इस बारे में फॉरेंसिक रिपोर्ट अभी भी नहीं आई है.
अगर ब्लास्ट में मिलिट्री ग्रेड विस्फोटक के हो जाने की पुष्टि हो जाती है तो इससे ये निष्कर्ष निकलेगा कि ये काम किसी एजेंसी या प्रोफेशनल संस्था द्वारा अंजाम दिया गया है. भारत की सुरक्षा एजेंसियों के लिए ये नतीजे बेहद चुनौतीपूर्ण हैं. इसका मतलब ये है कि विदेशी एजेंसियां भारत के वीवीआईपी इलाके में घुसपैठ करने में सफल रही हैं.
जांच के लिए आ सकती हैं इजरायली एजेंसियां
इस बीच सूत्रों के मुताबिक जांच के लिए इजरायली एजेंसियां भारत आ सकती है. बता दें कि इजरायल की कुछ एजेंसियां दुनिया भर में इजरायली नागरिकों और रणनीतिक महत्व के ठिकानों पर हुए हमले के लिए जांच करती है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इन एजेंसियों के अधिकारी जल्द ही दिल्ली आ सकते हैं.
इजरायल से पहुंचे ये अधिकारी भारत के जांच अधिकारियों की मदद करेंगे. इजरायल ने पहले ही इस घटना को आतंकी कार्रवाई करार दिया है.
बता दें कि 2012 में जब नई दिल्ली में इजरायली दूतावास पर हमला हुआ था तब भी इजरायल ने इस मामले की जांच में भारत की मदद की थी. तब इजरायल से आई एजेंसियों ने न सिर्फ घटनास्थल का दौरा किया था, बल्कि उस होटल में भी पहुंचे थे जहां संदिग्द ईरानी ठहरे थे.