एक आईटी पेशेवर को अपनी प्रेमिका की बेटी और सास की हत्या करने और उसके पति की हत्या का प्रयास करने को लेकर मौत की सजा सुनाई गई. वहीं, इस जघन्य अपराध में उसका साथ देने के लिए उसकी प्रेमिका को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. अदालत ने उसको सजा सुनाते हुए कहा कि उसका आचरण मातृत्व का अपमान है.
प्रमुख सत्र न्यायाधीश वी शेरसी ने दोषी नीनो मैथ्यू और अनु शांति को सजा सुनाते हुए 50-50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. जुर्माने की राशि में से अदालत ने 50 लाख रुपये अनु के पति लिजेश को और 30 लाख रुपये थंकप्पन चेट्टियार को दिया जाएगा. कोर्ट ने इसे दुर्लभतम से दुर्लभ मामला मानते हुए बर्बर और जघन्य करार दिया.
न्यायाधीश ने कहा कि अनु शांति ने अपराध में सक्रियता से हिस्सा लिया, लेकिन उसे मौत की सजा से इसलिए छूट दी जा रही है, क्योंकि वह महिला है. हालांकि, अदालत ने कहा कि वह मातृत्व का अपमान है. तीन वर्षीय बच्ची और 60 वर्षीय लाचार महिला की क्रूर तरीके से हत्या की गई. लोक अभियोजक विनीत कुमार ने कहा कि वह फैसले से पूरी तरह संतुष्ट हैं.
बताते चलें कि नीनो मैथ्यू और अनु शांति को अदालत ने पिछले सप्ताह आईपीसी के तहत धारा 120बी, 302, 307, 449, 201 और 380 के साथ आईटी अधिनियम की धारा 67ए के तहत दोषी ठहराया था. मेथ्यू ने प्रेमिका की बेटी स्वास्तिका और सास ओमाना की बर्बर तरीके से हत्या करने के बाद पति लिजेश की भी हत्या का विफल प्रयास किया था.
बताया जाता है कि इस हमले में जख्मी होने के बावजूद लिजेश बच गया था. नीनो ने दोनों हत्याएं करने के बाद अपराध स्थल पर लिजेश के लिए तकरीबन आधे घंटे तक इंतजार किया था. वह घटना के समय घर पर नहीं था. आरोपी की पहचान को लेकर उसका बयान मामले में एक अहम साक्ष्य था.