scorecardresearch
 

पुलिस डायरी में कुछ यूं दर्ज है नाहरगढ़ किले से लटकते मिले चेतन की कहानी

पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में चेतन की मौत से पद्मावती फिल्म के विरोध या समर्थन की बातें सामने नहीं आई हैं. चेतन के घरवालों ने भी पद्मावती से किसी तरह का लिंक होने से इनकार किया है, लेकिन वह इसे हत्या का मामला मान रहे हैं.

Advertisement
X
नाहरगढ़ किले से लटकती चेतन की लाश
नाहरगढ़ किले से लटकती चेतन की लाश

Advertisement

पद्मावती से जुड़े होने के चलते सुर्खियों में आई जयपुर के चेतन कुमार सैनी की मौत को फिलहाल पुलिस ने आत्महत्या ही माना है. पुलिस का कहना है कि चेतन के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुद से फांसी लगाने के सुबूत मिले हैं. साथ ही शरीर पर कोई गंभीर चोट या संघर्ष के निशान नहीं मिले हैं.

चेतन के एक गाल और घुटने पर फांसी लगने के दौरान छिलने के निशान मिले हैं. साथ ही शाम 4.30 बजे तक के तीन अलग-अलग जगहों के सीसीटीवी फुटेज में वह अकेले ही नाहरगढ़ किले की ओर जाता हुआ दिख रहा है. पुलिस को यह जानकारी भी मिली है कि चेतन ने कर्ज ले रखे थे.

DCP (नार्थ) सत्येंद्र सिंह ने बताया, "चेतन के दिल्ली के एक कंपनी से अलग-अलग दो लोन लिए जाने की जानकारी मिली है. इनमें से एक लोन करीब 9 लाख रुपये का और दूसरा लोन करीब 4.90 लाख रुपये का है, जिसकी किश्तें पिछले दो महीने से जमा नहीं की गई हैं. हमें यह भी पता लगा है कि वह दो दिन पहले सीकर में एक व्यक्ति से कुछ पैसे लेने गया था, लेकिन उसे पैसे नहीं मिले. पत्थरों पर लिखी गईं बातों की लिखावट और चेतन की डायरी की लिखावट भी मिल रही है. साथ ही चेतन के हाथों में कोयला लगा भी मिला है."

Advertisement

पद्मावती से संबंध नहीं

पुलिस का कहना है कि अब तक की जांच में चेतन की मौत से पद्मावती फिल्म के विरोध या समर्थन की बातें सामने नहीं आई हैं. चेतन के घरवालों ने भी पद्मावती से किसी तरह का लिंक होने से इनकार किया है, लेकिन वह इसे हत्या का मामला मान रहे हैं. चेतन के परिवार वालों ने स्वीकार किया है कि चेतन ने कर्ज ले रखे थे, वह पैसे मांगने सीकर गया था और वह कर्ज की किश्तें भी नहीं चुका पा रहा था.

पुलिस की अब तक की थ्योरी में चेतन के खुदकुशी करने का ही मामला पुष्ट हुआ है. लेकिन पुलिस को अभी भी कई सवालों के जवाब ढूंढने हैं-

पहला सवाल- वहां पर सांप्रदायिकता भड़काने वाले नारे क्यों लिखे थे?

दूसरा सवाल- अगर चेतन को खुदकुशी ही करनी थी तो उसने खुद को मुस्लिम की तरह पेश कर पद्मावती फिल्म के समर्थन में चार नारे क्यों लिखे?

तीसरा सवाल- चेतन ने इतनी मोटी रस्सी कहां से खरीदी और सीसीटीवी में वह रस्सी ले जाता क्यों नहीं दिखा?

चौथा सवाल- चेतन की लाश वाली जगह चाय के चार कप क्यों थे?

पुलिस का अंदेशा

चेतन जिस नहरी के नाका इलाके में रहता है, वहां हिंदू-मुस्लिम की आबादी बराबरी के अनुपात में है. इसलिए इसकी पूरी संभावना है कि खुदकुशी से पहले उसके मन में इस तरह की बातें मन में आई हों और उर्दू के काफ़िर जैसे शब्दों की जानकारी हो. साथ ही सजावटी गहने के जिस कारोबार में चेतन था, उससे अमूमन मुस्लिम समुदाय ही जुड़ा है.

Advertisement

पद्मावती का नाम और सांप्रदायिक नारे ध्यान भटकाने की साजिश हो सकती है, क्योंकि खुदकुशी करने पर एक तो इंश्योरेंस के पैसे नहीं मिलते, फिर परिवार की भी बदनामी होती है.

पुलिस ने यह भी आशंका जताई है कि चेतन की लाश जहां लटकती मिली वह सूनसान जगह है, जहां अक्सर रात को लोग चले जाया करते हैं. हो सकता है चेतन वहां पहले भी आता रहा हो और इस तरह पत्थरों पर लिखता रहा हो. मीडिया में हर जगह पद्मावती का नाम होने की वजह से उसके दिमाग में भी वही सब घूम रहा हो. पुलिस ने अपने नोट्स में चेतन को पढ़ा लिखा और जानकार व्यक्ति के रूप में दर्ज किया है, जिसने दिल्ली और जयपुर की कंपनियों से लोन ले रखे थे. वहीं नाहरगढ़ किले के जिस हिस्से में उसकी लाश लटकती मिली, उस जगह के बारे में पुलिस ने लिखा है कि चाय पीने वाले और शराब पीने वाले यहां आते रहते हैं.

Advertisement
Advertisement