scorecardresearch
 

अफजल गुरु से पुरानी थी देवेंद्र सिंह की पहचान, फांसी से पहले हलफनामे में भी किया था जिक्र

जम्मू-कश्मीर पुलिस के आतंकवाद रोधी विशेष अभियान समूह यानी SOG में सब-इंस्पेक्टर के रूप में नौकरी शुरू करने वाले देवेंद्र सिंह को वीरता के लिए पुलिस मेडल मिला और साथ ही प्रमोशन पाकर वो डीएसपी बन गया था.

Advertisement
X
देवेंद्र सिंह के नाम का खुलासा मौत से पहले अफजल गुरु ने किया था (फोटो- इंडिया टुडे)
देवेंद्र सिंह के नाम का खुलासा मौत से पहले अफजल गुरु ने किया था (फोटो- इंडिया टुडे)

Advertisement

  • अफजल ने हलफनामे में किया था DSP देवेंद्र सिंह के नाम का जिक्र
  • पुलिस ने आतंकी के दिमाग का फितूर बताकर अनदेखा किया
  • अफजल ने वकील को भेजे गए पत्र में लिखा था सारा माजरा
  • कोर्ट को दिए गए हलफनामे में उजागर किया था DSP का नाम

जम्मू-कश्मीर पुलिस के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) देवेंद्र सिंह और अफजल गुरु के बीच कनेक्शन की तस्दीक वो लेटर भी करता है, जो अफजल गुरु ने वर्ष 2013 में जेल से अपने वकील सुशील कुमार को लिखा था. दरअसल, उस लेटर में अफजल ने कई जगह डीएसपी देवेंद्र सिंह के नाम का जिक्र किया था. वर्दी की आड़ में बड़ा गोलमाल करने वाले डीएसपी देवेंद्र सिंह की असलियत सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियां उसका अतीत खंगालने में जुटी हैं. इसी बीच ये लेटर सामने आया है, जो देवेंद्र सिंह के किरदार पर सवाल खड़े करता है.

Advertisement

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने गृह मंत्रालय को सूचना देकर बताया था कि देवेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया है. केंद्रीय गृह सचिव को जम्मू कश्मीर पुलिस ने कुलगाम मुठभेड़ के बारे में भी जानकारी दी. जम्मू-कश्मीर पुलिस के आतंकवाद रोधी विशेष अभियान समूह यानी SOG में सब-इंस्पेक्टर के रूप में नौकरी शुरू करने वाले देवेंद्र सिंह को वीरता के लिए पुलिस मेडल मिला. और साथ ही प्रमोशन पाकर वो डीएसपी बन गया था. आतंकवाद रोधी अभियान के लिए उसे वीरता पुरस्कार मिला था. 

कई सुरक्षा एजेंसियां करेंगी पूछताछ

अब वही डीएसपी देवेंद्र सिंह देश की सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर है. खुफिया ब्यूरो, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग और मिलिट्री इंटेलीजेंस की टीम बारी-बारी से उससे पूछताछ करने की तैयारी में है. उससे राष्ट्रपति वीरता पदक पुरस्कार भी वापस लिया जा सकता है. देवेंद्र सिंह का नाम अब सीधे तौर पर संसद हमले से जुड़ रहा है. अफजल गुरु ने सजा-ए-मौत से पहले कोर्ट में देवेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे. लेकिन उस वक्त पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने अफजल की बात को देवेंद्र के खिलाफ साजिश मानकर खारिज कर दिया था.

अफजल गुरु ने अदालत में दायर किए गए हलफनामे में देवेंद्र सिंह के नाम का जिक्र करते हुए उस पर शोषण के आरोप लगाए थे. सिंह पर उसके परिवार को मारने की धमकी देने का इल्जाम भी था. अफजल गुरु ने कोर्ट में खुलासा किया था डीएसपी देवेंद्र सिंह ने ही उसे संसद पर हमला करने वाले आतंकियों को जम्मू कश्मीर से दिल्ली ले जाने के लिए मजबूर किया था. देवेंद्र सिंह के दबाव में ही अफजल ने दिल्ली में उन्हें किराये का कमरा दिलवाया था और वही उन्हें लेकर करोल बाग गया था, जहां से उन लोगों ने सफेद रंग की पुरानी एम्बेसडर कार खरीदी थी. उसी कार का इस्तेमाल बाद में आतंकवादियों ने संसद हमले में किया था.

Advertisement

अफजल गुरु ने किए थे कई खुलासे

वर्ष 2013 में अफजल गुरु ने अपने वकील सुशील कुमार को लिख गए एक पत्र में खुलासा किया था कि आत्मसमर्पण करने की वजह से उसे सरकारी नौकरी नहीं मिल रही थी. तो उसने जम्मू कश्मीर में छोटा सा कारोबार शुरू किया था. उस दौरान वहां पुलिस वाले और एसटीएफ वाले एसपीओ के माध्यम से वसूली किया करते थे. उसे हर बार महीना देना पड़ता था. लेकिन काम छोटा होने की वजह से वह लगातार पैसे नहीं दे पाया. अक्सर एसपीओ उसे परेशान करने लगे. एक दिन जब वह अपने नए स्कूटर से बाजार के लिए निकला तो उसे पुलिस वाले एक बुलैट प्रूफ जिप्सी में उठाकर ले गए.

वकील को लिख गए पत्र के मुताबिक पहले डीएसपी गुप्ता ने अफजल को टॉर्चर किया. बाद में उसे इंस्पेक्टर फारूख ने कहा कि वो दस लाख दे दे तो वह उसे छोड़ देगा, वरना वो लोग उसे मार देंगे. इसके बाद में अफजल को हुमहामा एसटीएफ कैंप ले जाया गया. जहां डीएसपी देवेंद्र सिंह ने अफजल को टॉर्चर किया. उसे करंट लगाया. शैंटी सिंह नामक एक इंस्पेक्टर ने नग्न कर कई बार उस पर पानी डाला और करंट लगाया था. जब वो पैसे देने के लिए मान गया तो उसे राहत दी गई. उसके घरवालों ने सारे जेवर गहने बेच दिए, तब भी वो ज्यादा रकम नहीं जुटा पाए. तो एसटीएफ वाले उसका स्कूटर भी ले गए.

Advertisement

अल्ताफ हुसैन बना मध्यस्थ

इस घटनाक्रम के बाद 1990 से 1996 तक अफजल ने दिल्ली विश्वविद्यालय से पढ़ाई की. इसी दौरान वो ट्यूशन पढ़ाने लगा. इसी दौरान बड़गाम के एसएसपी अश्क हुसैन की पत्नी का भाई अल्ताफ हुसैन उसके परिवार को मिला. सुशील कुमार को लिख गए पत्र में अफजल ने लिखा था कि अल्ताफ हुसैन उसके परिवार और डीएसपी देवेंद्र सिंह के बीच मध्यस्थ बन गया था. वापसी के बाद अफजल उसके बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाने लगा था. तब एक दिन अल्ताफ उसे अपने साथ डीएसपी देवेंद्र सिंह के पास ले गया.

जहां डीएसपी देवेंद्र सिंह ने उसे एक शख्स को दिल्ली ले जाने और उसके लिए वहां रहने का इंतजाम करने के लिए कहा था. बाद में डीएसपी देवेंद्र सिंह ने ही उसे एक कार दिलाने के लिए भी कहा था. चाहकर वो डीएसपी देवेंद्र सिंह को ना नहीं कह सकता था. लिहाजा वो उस अनजान शख्स को दिल्ली ले जाने के लिए तैयार हो गया था. उसने पक्ष में लिखा था कि वो शख्स कश्मीरी नहीं लग रहा था क्योंकि वह कश्मीरी नहीं बोल रहा था. इसलिए उसे उस पर शक हो रहा था. वो उसे दिल्ली लाया और किराए का घर दिलाया. कुछ दिन बाद ही उस शख्स ने एक कार खरीदने के लिए कहा तो वह उसे करोल बाग ले गया और पुरानी एम्बेसडर कार दिला दी.

Advertisement

इसके बाद वो शख्स जिसका नाम मोहम्मद था, अक्सर डीएसपी देवेंद्र सिंह से फोन पर बातें किया करता था. वो कई लोगों से मिलने लगा था. इसके बाद एक दिन उसने अफजल को वापस कश्मीर जाने के लिए कहा और पैसे दिए. यही सारी बातें अफजल ने कोर्ट में दाखिल किए गए अपने हलफनामे में कहीं थी. उस दौरान ये सब खुलासा कई अखबारों में छपा था लेकिन पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने इसे एक आतंकी के दिमाग की उपज बताकर नकार दिया था.

आतंकियों को जम्मू पहुंचाने के लिए पैसे

अब देवेंद्र सिंह के पकड़े जाने के बाद कश्मीर जोन के पुलिस महानिरीक्षक (IG) विजय कुमार ने बताया कि आतंकियों को जम्मू तक पहुंचाने के लिए देवेंद्र सिंह 12 लाख रुपये लिया करता था. वह अपने जम्मू के घर में आतंकवादियों को पनाह देता था. इसके साथ ही वो पुलवामा जिले के त्राल में स्थित अपने पैतृक घर में भी आतंकियों को शरण दिया करता था. उसे इस काम के लिए मोटी रकम मिलती थी.

छानबीन में पता चला कि उसने तीन आतंकियों को बादामी बाग छावनी इलाके में सेना की 16वीं कोर के मुख्यालय के पास अपने आवास में पनाह दी थी. डीएसपी सिंह को उन आतंकवादियों के साथ ही गिरफ्तार किया गया है. आईजी के अनुसार इरफान नामक एक वकील प्रतिबंधित हिजबुल मुजाहिदीन के स्वयंभू जिला कमांडर नावीद बाबा और अल्ताफ को देवेंद्र सिंह के घर ले कर गया था. इसी के बाद शुक्रवार को ये लोग पकड़े गए. इरफान आतंकियों के लिए काम करता था. पुलिस ने देवेंद्र सिंह के आवास से भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद किया. साथ ही दो पिस्टल और 3 राइफल भी बरामद की. वह आतंकी नवीद अहमद शाह उर्फ नवीद बाबू और रफी अहमद के साथ गिरफ्तार हुआ था.अफजल गुरु को संसद पर हमले के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और बाद में फांसी हुई थी.

Advertisement

Advertisement
Advertisement