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पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, एक नक्सली गिरफ्तार, दो ने किया सरेंडर

वेट्टिरामा के मुताबिक, नक्सली विचारधारा में आए बदलाव के चलते कई बड़े नेताओं ने संगठन से दूरियां बना ली हैं. जिसके कारण उन्होंने नक्सलवाद छोड़ समाज की मुख्य धारा में वापस लौटने के लिए आत्मसमर्पण करने का फैसला लिया.

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प्रतीकात्मक फोटो
प्रतीकात्मक फोटो

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नक्सली समस्या से जूझ रही झारखंड पुलिस को नक्सलियों के खिलाफ दो महत्वपूर्ण सफलताएं हाथ लगी है. एक और जहां उसने 20 लाख के इनामी और प्रतिबंधित माओवादी संगठन टीपीसी के सेकंड सुप्रीमो कोहराम उर्फ़ लक्ष्मण भोक्ता उर्फ़ अमर सिंह भोक्ता को हजारीबाग से गिरफ्तार किया. वहीं, दूसरी तरफ कुख्यात नक्सली और बिहार-झारखंड, उत्तर छत्तीसगढ़ कमेटी के मिलिट्री कमीशन के सचिव बिरसाई उर्फ़ कमलेश गंझू ने पलामू पुलिस के समक्ष आत्म-समर्पण कर दिया.

बिरसाई पर 25 लाख का इनाम था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन दोनों ने लेवी वसूली के माध्यम से अरबों की संपत्ति बनाई है. इन दो बड़े नक्सलियों के पुलिस गिरफ्त में आने से झारखंड में नक्सलियों को बड़ा झटका लगा है.

माओवादियों का बड़ा आदिवासी चेहरा था बिरसाई

बिहार-झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ कमेटी के मिलिट्री कमीशन का सचिव बिरसाई संगठन में सबसे बड़ा आदिवासी चेहरा माना जाता था. लातेहार जिले के चंदवा इलाके में रहनेवाले इस नक्सली पर झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ में कई बड़े नक्सल हमले करने का आरोप है. यह संगठन में अरविंद के बाद दूसरे स्थान पर माना जाता था. इसमें साल 1993 में महज 9 वर्ष की उम्र में संगठन में शामिल हुआ था.

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साल 2013 में लातेहार के हुई नक्सली हमले में यह शामिल था. इस नक्सली हमले में CRPF के 17 जवान शहीद हुए थे. बिरसई पर लातेहार में 44 और गढ़वा में 33 कांड दर्ज है. वहीं कोहराम को हजारीबाग और चतरा जिले की सीमा पर स्थित कटकमदाग से गिरफ्तार किया गया. उसके पास से 15 लाख से अधिक की नगदी भी बरामद की गई.

बड़ी सफलता मान रही है पुलिस

झारखंड सरकार ने साल 2018 के अंत तक राज्य को नक्सल समस्या से मुक्त करने की घोषणा कर रखी है. इसी के तहत वह राज्य में सक्रिय बड़े नक्सली नेताओं को टारगेट कर रही है. पुलिस के टारगेट पर अरविंद के बाद बिरसाई का नाम सबसे ऊपर था. यह कई बार पुलिस के हाथ आते-आते बचा है. इसके अलावा डेढ़ दर्जन के करीब छोटे-बड़े नक्सली नेता उसके टारगेट में है.

वहीं छत्तीसगढ़ और झारखंड में सक्रिय 20 लाख के इनामी नक्सली वेट्टिरामा ने सुकमा में CRPF और छत्तीसगढ़ पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. वेट्टिरामा अपनी ऑटोमेटिक इंसास रायफल लेकर बलों के समक्ष पेश हुआ. उसने छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड में भी कई नक्सली वारदातों को अंजाम दिया है. बताया जाता है कि बीते 23 सालो से वो नक्सली दलम में रह कर कई गंभीर वारदातों को अंजाम दे रहा था.

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बता दें कि वेट्टिरामा ने माआवादियों के शोषण और हिंसा से तंग आ कर नक्सलवाद छोड़ने का मन बना लिया. सरकारी की पुनर्वास नीतियों का फायदा उठाते हुए अफसरों के समक्ष आत्मसमर्पण किया. यह पहला मौका है जब किसी बड़े नक्सली ने ऑटोमेटिक हथियार के साथ आत्मसमर्पण किया है. पुलिस के मुताबिक, वेट्टिरामा ताड़मेटला, बुरकापाल, किस्टाराम, झीरम जैसे बड़ी वारदातों में शामिल था. वेट्टिरामा 2006 से 2011 तक भेज्जी का एनओसी कमांडर रहा है. जिसके बाद उसे 2011 से 2014 तक कोंटा एरिया कमेटी का जनताना अध्यक्ष बनाया गया.

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