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झारखंडः 15 लाख के इनामी नक्सली कमांडर नकुल यादव ने किया सरेंडर

झारखण्ड में आतंक का पर्याय बने इनामी नक्सली नेता नकुल यादव ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया. भाकपा माओवादी के रिजनल कमांडर नकुल यादव के साथ-साथ जोनल कमांडर मदन यादव ने भी एडीजी आरके मलिक के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. राज्य सरकार ने नकुल यादव के सिर पर 15 लाख और मदन पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.

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पुलिस के सामने सरेंडर करने वाले नकुल और मदन पर लाखों का इनाम रखा गया था
पुलिस के सामने सरेंडर करने वाले नकुल और मदन पर लाखों का इनाम रखा गया था

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झारखण्ड में आतंक का पर्याय बने इनामी नक्सली नेता नकुल यादव ने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया. भाकपा माओवादी के रिजनल कमांडर नकुल यादव के साथ-साथ जोनल कमांडर मदन यादव ने भी एडीजी आरके मलिक के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. राज्य सरकार ने नकुल यादव के सिर पर 15 लाख और मदन पर 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.

हथियारों का जखीरा बरामद
पुलिस ने इनके सरेंडर करने के बाद लोहरदगा जिले में हथियारों का भारी जखीरा बरामद किया है. जिसमें एक LMG, एक सेमी-ऑटोमेटिक राइफल, एक AK47 राइफल, एक एसएलआर, तीन इंसास राइफल, दो 303 राइफल, चार 315 बोर राइफल और भारी मात्रा में कारतूस शामिल हैं. इन दोनों नक्सलियों के सरेंडर को पुलिस और अर्धसैनिक बल बड़ी सफलता मान रहे हैं.

बच्चों को नक्सली बनाने का आरोप
रांची में आज झारखण्ड पुलिस के ADG आर.के. मलिक के समक्ष सरेंडर करने वाले रीजनल कमांडर नकुल यादव और जोनल कमांडर मदन यादव गुमला, लोहरदगा, लातेहार, और पलामू जिले में नक्सली आतंक का पर्याय बने हुए थे. इनके खिलाफ लोहरदगा जिले में 64, लातेहार में 51, गुमला में 23, पलामू में 4 और रांची में 2 केस दर्ज हैं. बताया जाता है कि झारखण्ड में बच्चों को जबरदस्ती नक्सली दस्तों में शामिल कराने के पीछे नकुल यादव का ही हाथ था. इसकी दहशत से गुमला, लोहरदगा और लातेहार जिलों में ग्रामीणों ने अपने बच्चों को स्कूल भेजने से मना कर दिया था. हालांकि नकुल यादव इन इन आरोपों से इंकार किया है.

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ऑपरेशन नई दिशा ने दिया मौका
सूबे के ADG आर.के. मलिक ने कहा कि क्षमा मांगना एक बहुत मुश्किल काम है. और क्षमा करना उससे भी मुश्किल. उन्होंने अपील करते हुए कहा कि जो युवा राह भटककर इन संगठनो में शामिल हुए हैं. उनके सामने ऑपरेशन नई दिशा के तहत आत्म-समर्पण कर मुख्य धरा में शामिल होने का एक अच्छा अवसर है.

दो ही विकल्पः आत्मसमर्पण या फिर मौत
पुलिस की मानें तो नकुल बीते 12 अप्रैल से ही पुलिस और खुफिया अधिकारियों के संपर्क में था. बताया जाता है कि उसी की पहल पर उसके दस्ते के कई सदस्यों ने लोहरदगा पुलिस के सामने सरेंडर भी किया था. इस बीच पुलिस ने नकुल और मदन को लेकर लोहरदगा और गुमला इलाके के जंगलों में छापामारी अभियान की शुरुआत की थी. उस वक्त पुलिस ने भारी मात्रा में हथियारों का जखीरा बरामद किया. जिसमें एलएमजी, एके47, एसएलआर, 3 इंसास, 6 रायफल, 7 वॉकी टॉकी, 3347 राउंड कारतूस और 32 मैगजीन सहित अन्य सामान बरामद शामिल हैं. इस मौके पर CRPF के IG संजय लाटेकर ने कहा कि नक्सलियों के सामने दो ही रास्ते हैं या तो आत्म-समर्पण कर क़ानूनी प्रक्रिया का पालन करें या फिर मुठभेड़ में मारे जाएं.

2018 तक झारखंड को नक्सल मुक्त बनाने का लक्ष्य
झारखण्ड के नक्सल ग्रस्त जिलों में पुलिस और केंद्रीय बलों ने दबिश काफी बढ़ा दी है. जिसकी वजह से नक्सली संगठनो में काफी घबराहट है. हालिया दिनों में झारखण्ड में नक्सली वारदातों में आई कमी इस बात प्रमाण है. छापेमारी अभियान के अलावा झारखण्ड पुलिस ने चौतरफा अभियान चलाकर नक्सलियों में भगदड़ की स्तिथि बना दी है. वैसे झारखण्ड पुलिस ने साल 2018 तक झारखण्ड को नक्सल मुक्त करने का प्रण भी लिया है.

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