झारखंड में हुई जेडीयू के पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा की हत्या के मामले में एनआईए ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें एक पूर्व विधायक समेत रमेश सिंह मुंडा का बॉडीगार्ड भी शामिल है. इसी बॉडीगार्ड ने नक्सलियों को सूचना दी थी. जिसके बाद गोली मारकर मुंडा की हत्या कर दी गई. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
जानकारी के मुताबिक, जेडीयू विधायक रमेश सिंह मुंडा की हत्या की जांच कर रही एनआईए ने पूर्व विधायक राजा पीटर और रमेश सिंह के पूर्व बॉडीगार्ड सब इंस्पेक्टर शेषनाथ को गिरफ्तार किया है. एनआईए ने खुलासा किया है कि नक्सली गिरोह ने शेषनाथ से फोन पर मिली सूचना पर स्कूल में घुसकर रमेश सिंह मुंडा को गोलियां मारी थीं.
इस वारदात में मुंडा के साथ उनके दो बॉडीगार्ड और एक स्थानीय युवक की भी मौत हो गई थी. इस हत्याकांड को 9 जुलाई 2008 को बुंडू के एसएस हाईस्कूल में अंजाम दिया गया था. इस मामले में अब एनआईए ने आरोपी राजा पीटर के घर और दफ्तर में भी छापे मारे हैं. पुलिस ने पीटर और सहयोगी सुनील सोनार से भी पूछताछ की है.
सूत्रों के मुताबिक, हत्या कराने के लिए पीटर ने डेढ़ करोड़ रुपये की सुपारी दी थी. दरअसल राजा पीटर ने 2005 में रमेश सिंह मुंडा के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गया. मुंडा की मौत के बाद हुए 2008 के उपचुनाव में उसने निर्दलीय चुनाव लड़ा और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिबू सोरेन को हराकर सनसनी फैला दी.
बीते दिनों एनआईए ने नक्सली कुंदन पाहन के सरेंडर के बाद इस हत्याकांड के बारे में पूछताछ की थी. उस समय सारी साजिश खुलकर सामने आ गई. इस हत्याकांड में कुंदन पाहन और राम मोहन मुंडा समेत आठ नक्सलियों पर चार्जशीट दायर हो चुकी है.
इस बीच विधायक विकास मुंडा ने अपने पिता रमेश सिंह मुंडा की हत्या की साजिश की जांच के लिए धरना शुरू किया था. जिसके बाद केंद्र ने इस मामले को एनआईए को सौंप दिया. हालांकि, एनआईए ने अभी तक यह साफ नहीं किया कि राजा पीटर की इस साजिश में क्या भूमिका रही थी.