नक्सली संगठन PLFI के जोनल कमांडर कारगिल उर्फ धनेश्वर यादव ने झारखंड पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. इसके बाद उसे झारखंड पुलिस की ओर से 10 लाख रुपये का चेक दिया गया है.
बीते 10 सालों से नक्सली गतिविधियों में शामिल कुख्यात कारगिल उर्फ धनेश्वर यादव ने आखिरकार नक्सलवाद से तौबा कर ली और पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया. इससे पहले उसने कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया था.
कारगिल उर्फ धनेश्वर यादव के खिलाफ रांची, सिमडेगा, खूंटी, लातेहार में कई मामले दर्ज हैं. पुलिस को लंबे समय से कारगिल की तलाश थी. लेकिन वो पुलिस के हाथ नहीं लगा. कई बड़ी नक्सली घटनाओं के सिलसिले में कारगिल वॉन्टेड था.
अब पुलिस ने उसके सरेंडर करने के बाद राहत की सांस ली है. नक्सली कारगिल यादव इससे पहले तीन साल के लिए जेल जा चुका है. वह सबसे पहले सीपीआई माओवादी संगठन से जुड़ा था.
गौरतलब है कि 2017-18 में झारखंड में ऑपरेशन नई दिशा के तहत कुल 24 नक्सलियों ने सरेंडर किया है. जबकि 17 नक्सली पुलिसिया मुठभेड़ में मारे जा चुके है.
इसके अलावा नक्सली संगठन टीपीसी के कुख्यात सब जोनल कमांडर अशोक गंझू उर्फ बिशू को भी रांची पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.