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मर्सिडीज हिट एंड रन केस: नाबालिग आरोपी पर जल्द फैसला कर सकता है जेजेबी

मर्सिडीज हिट एंड रन मामले में किशोर आरोपी के खिलाफ वयस्क के रूप में सुनवाई होनी चाहिए या नहीं, इस सवाल पर किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) जल्द ही फैसला कर सकता है.

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आरोपी की उम्र को लेकर मामले में पेंच फंस रहा है
आरोपी की उम्र को लेकर मामले में पेंच फंस रहा है

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कानूनी जानकारों का मानना है कि मर्सिडीज हिट एंड रन मामले में किशोर आरोपी के खिलाफ वयस्क के रूप में सुनवाई होनी चाहिए या नहीं, इस सवाल पर फैसला करने में किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) सक्षम है. दुर्घटना के चार दिन बाद ही किशोर आरोपी 18 साल का हो गया था.

वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी ने समाचार एजेंसी भाषा को बताया कि किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण कानून 2015) एक जनवरी 2016 से लागू हो गया है. ऐसे में आरोपी किशोर वाहन चालक के खिलाफ वयस्क के रूप में सुनवाई होनी चाहिए या नहीं, इस पर जेजेबी को ही फैसला करना चाहिए.

कानूनी प्रक्रिया के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि किशोर के खिलाफ वयस्क के रूप में सुनवाई के लिए बोर्ड इस बात पर प्राथमिक आकलन करेगा कि अपराध जघन्य प्रकृति का था या नहीं. आरोपी की समझ और वयस्कता का स्तर था या नहीं.

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राज्यसभा के सदस्य तुलसी ने कहा कि घटना के वक्त उसकी उम्र 18 साल से सिर्फ चार दिन कम होने का तथ्य उसकी समझ के स्तर पर फैसले पर असर डालेगा. क्योंकि समझ का स्तर धीरे धीरे प्रक्रिया से विकसित होता है, अचानक वयस्क होने पर नहीं.

वरिष्ठ अधिवक्ता गीता लूथरा ने भी इस बात से सहमति जताई. उन्होंने अपनी राय व्यक्त करते हुए समाचार एजेंसी भाषा से कहा कि बोर्ड के सामने मामला आने के बाद बोर्ड अपराध की श्रेणी पर फैसला करेगा और उसी के अनुरूप आरोपी के खिलाफ सुनवाई होगी.

हालांकि किशोर विधि विशेषज्ञ अधिवक्ता अनंत अस्थाना ने आरोपी के मर्सिडीज चलाने के कारण इस मामले को गैरजरूरी रूप से बढ़ा चढाकर पेश करने के लिए मीडिया पर निशाना साधा.

गौरतलब है कि बीती चार अप्रैल को तेज रफ्तार मर्सिडीज ने उत्तर दिल्ली में एक मार्ग पर 32 वर्षीय सिद्धार्थ शर्मा नामक व्यक्ति को रौंद दिया था. हादसे के वक्त कार किशोर आरोपी चला रहा था.

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