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JNU देशद्रोह केस में कोर्ट सख्त, कहा- फाइल नहीं रोक सकती दिल्ली सरकार

JNU Sedition Case जेएनयू में देशद्रोही नारे लगाने के मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जल्द दाखिल करने को कहा है. कोर्ट का कहना है कि दिल्ली सरकार फाइल नहीं रोक सकती है.

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राजधानी दिल्ली की जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी (JNU) में नारेबाजी के मामले पर बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई की. सुनवाई के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से जल्द मामले की चार्जशीट दाखिल करने का आदेश दिया है. हालांकि, पुलिस ने कहा है कि अभी तक उन्हें राज्य सरकार से परमिशन नहीं मिली है. इस पर कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है.

देशद्रोह मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने कहा कि पुलिस जल्द से जल्द राज्य सरकार से अनुमति ले. दिल्ली सरकार इस तरह मामले की फाइल नहीं रोक सकती है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 28 फरवरी को होगी.

आपको बता दें कि इससे पहले इस मामले में दिल्ली पुलिस को भी पटियाला हाउस कोर्ट से फटकार लग चुकी है. दरअसल, दिल्ली पुलिस ने इससे पहले बिना दिल्ली की केजरीवाल सरकार की अनुमति के जेएनयू मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी थी. जिस पर कोर्ट ने कहा था कि पुलिस बिना राज्य सरकार की अनुमति के चार्जशीट कैसे दाखिल कर सकती है.

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दिल्ली पुलिस ने JNU देशद्रोह मामले में 14 जनवरी 2018 को 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. इस चार्जशीट में पूर्व छात्र नेता कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और सात अन्य कश्मीरी छात्रों को आरोपी बनाया गया है. हालांकि, कन्हैया या उमर पर देशद्रोही नारे लगाने का आरोप नहीं सिद्ध किया गया है.

गौरतलब है कि 9 फरवरी, 2016 में JNU में एक कार्यक्रम आयोजित किया था. ये कार्यक्रम संसद हमले के मास्टरम माइंड अफजल गुरु को फांसी दिए जाने के विरोध में आयोजित किया गया था. जिसके बाद एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें कथित तौर पर देशद्रोही नारे लगाने की बात कही गई थी.

चार्जशीट में नाम शामिल किए जाने पर कन्हैया कुमार, उमर खालिद के अलावा कई विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था.

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