राजस्थान की जोधपुर जेल एक बार फिर से सुर्खियों में है. यह मामला जेल से रंगदारी वसूलने का है. जिसके चलते बड़ी संख्या में पुलिस बल साथ लेकर अधिकारियों ने जोधपुर जेल में छापे की कार्रवाई की. गहन तलाशी के दौरान वहां से एक दर्जन से ज्यादा मोबाइल फोन और दो दर्जन सिमकार्ड बरामद हुए हैं.
जोधपुर जेल का नाम देश की सबसे सुरक्षित जेलों में शुमार होता है. लेकिन कैदी कई बार यहां सुरक्षा में सेंध लगा चुके हैं. इस जेल में कई खूंखार आतंकी और पाकिस्तानी जासूस भी बंद हैं. अब इस जेल के तार पिछले दिनों रंगदारी वसूलने के लिए की गई फायरिंग की घटना से भी जुड़ रहे हैं. जिसने पूरे शहर को दहला दिया था.
जोधपुर में बीती 17 मार्च को सुबह के 6 बजे बाइक पर सवार आधा दर्जन हथियारबंद बदमाशों ने पाल रोड पर मौजूद श्रीराम हॉस्पिटल के मालिक सुनील चांडक और एक ट्रेवल कंपनी मालिक मनीष जैन के घर पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी. इसके बाद बदमाश बाइक पर सवार होकर मौके से भाग निकले थे.
धन्ना सेठों से रंगदारी की रकम वसूलने के लिए की गई इस अंधाधुंध फायरिंग के तार अब जेल से जुड़ते नजर आ रहे हैं. इस फायरिंग की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस के आला अधिकारी डेढ़ सौ जवानों के साथ जोधपुर सेंट्रल जेल में छापा मारने गए. जहां से उन्होंने तलाशी के दौरान 14 मोबाइल फोन और 24 सिम कार्ड बरामद किए हैं.
पुलिस को शक है कि जेल में बंद कई गैंगस्टर मोबाइल की मदद से अपने अपने गैंग का संचालन जेल के अंदर से ही कर रहे हैं. शहर के दो बड़े लोगों के घरों पर फायरिंग कर दहशत फैलाने की साजिश भी यहीं पर रची गई थी. पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है.