छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सीबीआई की हिरासत में एक पत्रकार ने फांसी लगाकर खुदकुशी करने की कोशिश की. जिसके बाद पत्रकार को फौरन रायपुर के जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.
सीबीआई हिरासत में फांसी लगाने वाले पत्रकार का नाम शिव वैष्णव है. सीबीआई ने उसे एक अन्य पत्रकार उमेश राजपूत की हत्या के मामले में तीन दिन पहले ही हिरासत में लिया था. उसके बेटे विकास को भी सीबीआई ने हिरासत में लिया था.
दरअसल पांच साल पहले 23 जनवरी 2011 को रायपुर से सटे गरियाबंद जिले में पत्रकार उमेश राजपूत को अज्ञात लोगों ने उनके घर के सामने गोली मार दी थी. उस वक्त मौके पर शिव भी मौजूद था. वह राजपूत के घर के सामने ही बैठा हुआ था. जबकि मृतक उमेश की पत्नी बिमला और बेटी पूजा घर के भीतर थे.
गोली लगने के बाद उमेश को शिव ने घसीट कर घर के अंदर कर लिया था. शिव के मुताबिक उमेश को हमलावरों से बचाने के लिए उसने ऐसा किया था. अस्पताल में उमेश की मौत हो जाने के बाद 24 जनवरी 2011 को उमेश के अंतिम संस्कार के पहले ही शिव अपनी पत्नी माया के साथ गायब हो गया था.
जिसके चलते वो शक के दायरे में आ गया था. शिव वैष्णव ही इस घटना का एक मात्र चश्मदीद गवाह भी था. और वह खुद को उमेश का पारिवारिक मित्र भी कहता था. इस लिए पुलिस के शक की सुई उस पर टिक गई थी. छत्तीसगढ़ पुलिस ने इस हत्या कांड की जाच शुरू की.
पुलिस पर सबूतों के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगे. हत्या से जुड़े सबूत पुलिस के कब्जे से गायब हो गए. पुलिस की भूमिका संदिग्ध होने के बाद मृतक पत्रकरा उमेश के परिजनों ने बिलासपुर हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मांग की. 15 महीने बाद हाईकोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच के निर्देश दिए.
घटना के पांच साल बाद सीबीआई ने शिव वैष्णव और उसके पुत्र विकास को हिरासत में लिया. रायपुर में एक हॉस्टल में सीबीआई के अफसर पिता-पुत्र से पूछताछ कर रहे थे. इसी दौरान मौका पाते ही शिव ने फांसी लगा ली. हालांकि किसी अफसर ने उन्हें पंखे से लटकते देख लिया और फ़ौरन नीचे उतारकर अस्पताल भिजवाया. अब सीबीआई के अफसर इस घटना को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं.