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UP: कानपुर में बाइक सवार हमलावरों ने पत्रकार को गोलियों से भूना

पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) जय प्रकाश ने बताया कि 35 वर्षीय नवीन गुप्ता जब सड़क किनारे स्थित सार्वजनिक शौचालय से निकल रहा था, तभी उनको गोलियों से छलनी कर दिया गया. अस्पताल ले जाते समय नवीन ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. हमलावरों की संख्या तीन से चार बताई जा रही थी.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

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देश में पत्रकारों की हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश और पत्रकार सुदीप दत्त भौमिक (त्रिपुरा) की हत्या के बाद अब उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक पत्रकार की हत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. गुरुवार शाम करीब साढ़े छह बजे कानपुर के बिल्हौर में युवा पत्रकार नवीन गुप्ता की अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी.

बाइक सवार हमलावरों ने उनको पांच गोलियां मारी. वो एक दैनिक अखबार में कार्यरत थे. पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) जय प्रकाश ने बताया कि 35 वर्षीय नवीन गुप्ता जब सड़क किनारे स्थित सार्वजनिक शौचालय से निकल रहा था, तभी उनको गोलियों से छलनी कर दिया गया. अस्पताल ले जाते समय नवीन ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया. हमलावरों की संख्या तीन से चार बताई जा रही थी.

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वहीं, सूचना मिलते ही जिले के तमाम आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए. घटनास्थल पर फोरेंसिक विशेषज्ञों की टीम को भी बुला लिया गया. लखनऊ में सूबे के प्रमुख सचिव (सूचना) अवनीश अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख व्यक्त किया है. साथ ही पुलिस महानिदेशक सुलखान सिंह को मामले की जांच जल्द करवाने और अपराधियों को गिरफ्तार कराने का निर्देश दिया है.

अवनीश अवस्थी ने बताया कि कानपुर के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को तुरंत घटनास्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं.पुलिस अधिकारियों को अभी तक इस हत्या की वजह का पता नहीं चल पाया है, लेकिन पहली नजर में उन्हें यह कोई पुरानी दुश्मनी का मामला लगता है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि परिवार द्वारा लिखित शिकायत देने पर मामला दर्ज किया जाएगा. इस बीच पुलिस ने व्यापक तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.

स्थानीय पत्रकारों और पत्रकार संगठनों ने इस हत्याकांड के बाद बैठक बुलाई और पत्रकार की हत्या की कड़ी निंदा की. कानपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष अवनीश दीक्षित ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि पत्रकार के हत्यारों को अगर 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार नहीं किया गया, तो पत्रकार आंदोलन करेंगे. उन्होंने पत्रकार के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की भी मांग की.

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इससे पहले हाल ही में गौरी लंकेश और त्रिपुरा में त्रिपुरा में सुदीप दत्त भौमिक की हत्या का मामला सामने आया था. इससे भी पहले जून 2015 में उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में एक पत्रकार जगेंद्र सिंह की जलाकर हत्या कर दी गई थी. वह खनन माफिया के घोटालों को उजागर कर रहे थे.

इसके अलावा अक्टूबर 2015 में प्रदेश के चंदौली जिले में 45 वर्षीय पत्रकार हेमंत यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अगस्त 2015 में बरेली में अंशकालिक संवाददाता के रूप में एक हिन्दी दैनिक में काम करने वाले संजय पाठक (42) की भी हत्या कर दी गई थी. उनके सिर पर किसी भारी वस्तु से प्रहार किया गया था.

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