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गुरुग्राम: गड्ढे में गिरने से 10 साल की बच्‍ची की मौत

कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनियों द्वारा लापरवाही का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी ऐसे कई हादसे हो चुके हैं. कंस्‍ट्रक्‍शन के काम के वक्‍त साइट पर साइन बोर्ड कम ही नजर आते हैं.

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सांकेतिक तस्‍वीर
सांकेतिक तस्‍वीर

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गुरुग्राम के सोहना रोड स्थित एक निर्माणाधीन टावर के गड्ढे में गिरने से 10 साल की बच्‍ची की मौत हो गई जबकि उसका भाई गंभीर रूप घायल हो गया. हादसे के बाद पुलिस ने कंपनी के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज कर लिया है. वहीं बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है.

जानकारी के मुताबिक रविवार की सुबह गुरुग्राम के गांव दूनेला की रहने वाली मासूम रिधा अपने भाई गोलू के साथ ट्यूशन पढ़ने के लिए घर से निकली थी. जैसे ही दोनों भाई-बहन, फ्लावर वैली टावर के पास पहुंचे तो अचानक वे सीवर के लिए खोदे गए गहरे गड्ढे में जा गिरे. इसके बाद गड्ढे में गिरे गोलू ने शोर मचाया, जिससे ग्रामीण जुट गए और उन्होंने दोनों बच्चों को बाहर निकाला. लेकिन तब तक रिधा की मौत हो चुकी थी.

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ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी ने गड्ढे खोद कर छोड़ दिए हैं और उन्हें खुला छोड़ दिया गया है. उन पर कोई निशान तक नहीं लगाया है. यही वजह है कि हादसे हो रहे हैं.  वहीं हादसे के बाद घटना स्थल पर पहुंचे डीसीपी साउथ अशोक बक्शी ने बताया कि कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. उन्‍होंने आगे कहा कि इस मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही है कि कंपनिया साइट पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम क्यों नहीं करती हैं, जिससे हादसे के समय किसी की जान न जाए. अगर गड्ढे के पास कोई साइन होता तो आज रिधा को अपनी जान से हाथ नहीं धोना पड़ता.

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