हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी के कातिलों की जांच तेज हो गई है और उत्तर प्रदेश पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) कातिलों के करीब पहुंचती नजर आ रही है. कई जांच एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रहे स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने एक इनोवा कार जब्त की है. कमलेश तिवारी के कातिलों ने लखीमपुर में पलिया से शाहजहांपुर तक जाने के लिए इस कार को बुक किया था.
कार के ड्राइवर को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया है. सूत्रों के अनुसार, ड्राइवर ने खुलासा किया है कि कार को उसके मालिक के एक रिश्तेदार ने गुजरात से 5,000 रुपये में बुक किया था.
कार से लखीमपुर से शाहजहांपुर गए कातिल
माना जा रहा है कि कातिल इसी इनोवा कार से लखीमपुर से शाहजहांपुर गए, जहां सोमवार को एक सीसीटीवी कैमरे में उन्हें बस स्टेशन की तरफ पैदल जाते हुए देखा गया था.
एसआईटी ने सोमवार को दोनों की तलाश में कई होटलों, लॉज और मदरसों में छापेमारी की, लेकिन उन्हें नहीं पकड़ सकी. इसके अलावा आसपास के जिलों में भी तलाशी की जा रही है और सभी आने-जाने वाले मार्गों पर अलर्ट जारी कर दिया गया है.
दोनों कातिलों पर अलग-अलग 2.5 लाख रुपये का इनाम घोषित करने के अलावा यूपी पुलिस ने दोनों के स्केच भी जारी कर दिए हैं.
एसटीएफ के एक अधिकारी का कहना है कि माना जा रहा है कातिल नेपाल भागने की कोशिश कर सकते हैं और हम उन्हें बाहर जाने से रोकने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. वे अभी भी शाहजहांपुर में छिपे हो सकते हैं.
बरेली से एक मौलाना गिरफ्तार
इस बीच एटीएस ने बरेली से एक मौलाना को हिरासत में लिया है. मौलाना पर हत्यारोपियों की मदद का आरोप है. फिलहाल मौलाना को हिरासत में लेकर एटीएस लखनऊ रवाना हो गई है. हिरासत में लिए गए मौलाना का नाम सैय्यद कैफी अली है और वह दरगाह आला हजरत में मौलाना है.
कमलेश की हत्या के बाद दोनों आरोपी अशफाक और मोहिउद्दीन लखनऊ से बरेली मौलाना कैफी अली से मिलने आए थे. सूत्रों के मुताबिक दोनों आरोपियों ने बरेली के एक अस्पताल में इलाज भी कराया था.
पुलिस की एक टीम ने पीलीभीत जिला के शेरपुर गांव निवासी फिरोज (28) से भी पूछताछ की है. फिरोज का कथित रूप से कमलेश तिवारी हत्याकांड के एक आरोपी राशिद से संबंध है. कमलेश तिवारी की हत्या 18 अक्टूबर को लखनऊ में की गई थी. (इनपुट-आईएएनएस)