scorecardresearch
 

पटना: कन्हैया कुमार ने डॉक्टरों के साथ एम्स में की मारपीट, केस दर्ज

बता दें कि JNU में कुछ वर्ष पहले कथित तौर पर लगे देशविरोधी नारों के बाद कन्हैया कुमार चर्चा में आए थे. उसके बाद से ही कन्हैया राष्ट्रीय राजनीति को लेकर मुखर तौर पर बयान देने लगे और मोदी सरकार के आलोचकों में शामिल हुए.

Advertisement
X
कन्हैया कुमार (फाइल फोटो, Facebook)
कन्हैया कुमार (फाइल फोटो, Facebook)

Advertisement

दिल्ली की जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के पूर्व छात्र अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ पटना में मारपीट का केस दर्ज हुआ है. कन्हैया पर पटना के एम्स अस्पताल में मारपीट करने का आरोप है.

कन्हैया रविवार को ही एम्स पहुंचे थे. जहां उनपर और उनके कुछ समर्थकों पर अस्पताल के कुछ जूनियर डॉक्टरों के साथ बदसलूकी करने का आरोप है. कन्हैया पर लगे आरोपों के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी थी. हालांकि, पुलिस के आश्वासन के बाद उन्होंने अपनी हड़ताल वापस ली है.

पटना के फुलवारी शरफी थाने में दर्ज हुए केस में कन्हैया कुमार, सुशील कुमार समेत अन्य 80 लोगों के नाम शामिल हैं. चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने के कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था.

चिकित्सकों का आरोप था कि कन्हैया रविवार की रात एम्स में भर्ती अपने एक मित्र और एआईएसएफ नेता सुशील कुमार से मिलने यहां पहुंचे थे.

Advertisement

डॉक्टरों के मुताबिक, कन्हैया के साथ करीब 40-50 समर्थकों ने उनके साथ ट्रॉमा इमरजेंसी में जाने का प्रयास किया. कन्हैया के समर्थकों को जब सुरक्षा गार्ड ने रोकने की कोशिश की तो गार्ड के साथ मारपीट की गई.

वार्ड में तैनात चिकित्सकों ने जब उनके समर्थकों को वापस जाने को कहा तब भी समर्थक वापस नहीं गए और उन्होंने चिकित्सकों से दुर्व्यवहार किया, एम्स में काफी देर तक लेकर हंगामा होता रहा. इस मामले में अब तक कन्हैया कुमार का कोई बयान सामने नहीं आया है.

कन्हैया कुमार पर एफआईआर दर्ज

इस मामले में पुलिस ने कन्हैया कुमार और उनके एक अन्य साथी सुशील कुमार पर एफआईआर दर्ज कर ली है. वहीं कन्हैया कुमार के समर्थकों की इस हरकत पर राजनीतिक दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. मुख्‍य विपक्षी पार्टी आरजेडी ने कहा कि कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार किसी को नही हैं. आरजेडी के प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए, उसके बाद करवाई होनी चाहिए. किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है. हमें इस संबंध में ज्‍यादा जानकारी नहीं है.  जनता दल यू  प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि ये खुद अराजकता की उपज हैं और इसलिए ऐसे लोग बहुत जल्दी सुर्खियों में आ जाते हैं.

Advertisement

Advertisement
Advertisement