कानपुर एनकाउंटर को लेकर उत्तर प्रदेश की पुलिस हर पहलू से तलाश करने में जुटी है. ताकि गैंगस्टर विकास दुबे के गैंग और उसकी मदद करने वालों का कच्चा चिट्ठा निकाला जा सके. शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा की जिस चिट्ठी का जिक्र हो रहा था, अब उसकी पुष्टि हो गई है. आईजी लक्ष्मी सिंह ने कानपुर से लौटकर डीजीपी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, जिसमें इस बात का जिक्र किया गया है.
दरअसल, बिल्हौर के सीओ देवेंद्र मिश्रा के द्वारा चौबेपुर के थानाध्यक्ष विनय तिवारी के खिलाफ एक चिट्ठी SSP को लिखी गई थी, जिसकी जांच की जा रही थी. जांच में इस चिट्ठी को सही माना गया है.
लखनऊ रेंज की आईजी लक्ष्मी सिंह इसके लिए कानपुर आई थीं, उन्होंने मामले की जांच कर एक रिपोर्ट डीजीपी हितेश अवस्थी को सौंपी है. रिपोर्ट में बताया गया है कि जांच पड़ताल, सीओ के स्टाफ से पूछने के बाद पाया गया कि चिट्ठी असली है.
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रिपोर्ट के मुताबिक, सीओ के कंप्यूटर में भी ये पत्र मिला है, जिसे एक महिला सिपाही ने टाइप किया था. ऐसे में कंप्यूटर ऑपरेटर से लेकर स्टाफ के अन्य लोगों ने इसकी पुष्टि की है. आईजी लक्ष्मी सिंह की ओर से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करने के लिए कहा गया है.
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से लगातार ये चिट्ठी सोशल मीडिया और मीडिया में वायरल हो रही थी, तब काफी सवाल खड़े हुए थे. लेकिन तब कानपुर एसएसपी दिनेश कुमार ने इस चिट्ठी को नकार दिया था और कहा था कि ऐसी कोई जानकारी नहीं मिली है.
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अब जब जांच में पुष्टि हो गई है, तो सवाल ये भी उठता है कि पूर्व एसएसपी ने कोई कार्रवाई क्यों नहीं की. और दफ्तर से पत्र कहां गायब हुआ? बता दें कि चिट्ठी में देवेंद्र मिश्रा ने विकास दुबे और विनय तिवारी की मिलीभगत का भांडा फोड़ा था और एक्शन लेने की अपील की थी.