scorecardresearch
 

पूर्व इखवान कमांडर राशिद बिल्ला की हत्या, बेटे के दोस्तों ने ही दिया धोखा

कश्मीर पर सुनने को इन दिनों बहुत मिल रहा है. लेकिन घाटी में रहते हुए किस तरह के हालात से गुजरना पड़ रहा है, ये कोई फयाज अहमद नाम के युवक से पूछे. किस तरह यहां रहने वाले इंसानों को दूसरे इंसानों पर ही भरोसा करना मुश्किल हो रहा है.

Advertisement
X
पूर्व इखवान कमांडर बिल्ला की हत्या
पूर्व इखवान कमांडर बिल्ला की हत्या

Advertisement

कश्मीर पर सुनने को इन दिनों बहुत मिल रहा है. लेकिन घाटी में रहते हुए किस तरह के हालात से गुजरना पड़ रहा है, ये कोई फयाज अहमद नाम के युवक से पूछे. किस तरह यहां रहने वाले इंसानों को दूसरे इंसानों पर ही भरोसा करना मुश्किल हो रहा है. यहां तक कि बचपन से जिन दोस्तों के साथ खेले, बड़े हुए, वही भरोसे को तार-तार किए दे रहे हैं. फयाज के पिता अब्दुल राशिद पारे उर्फ राशिद बिल्ला की रविवार रात को बांदीपोरा जिले के हाजिन इलाके में घर में घुसकर हत्या कर दी गई.

फयाज ने नम आंखों से बताया कि उसके पिता के साथ हुआ क्या? पहले राशिद पारे उर्फ राशिद बिल्ला के अतीत के बारे में कुछ बता दें. पूर्व इखवान कमांडर बिल्ला का नाम नब्बे के दशक में काफी सुर्खियों में रहा. हथियार डाल कर सरेंडर करने वाले पूर्व आतंकी इखवान में शामिल होते थे. ये आतंकियों से लड़ने में सरकार और सुरक्षा बलों की मदद करते थे और बदले में इन्हें संरक्षण मिलता था. फयाज के मुताबिक उसके घर पर चार लोग आए. इनमें से दो को वो बहुत अच्छी तरह जानता था.

Advertisement

फयाज ने बताया कि वो पास में ही रहने वाले बचपन के दोस्त थे. जबकि साथ आए दो और लोग उसके लिए अनजान थे जिन्होंने चेहरे को ढका हुआ था. उनके पास बंदूकें भी थी. जब ये चारों दरवाजे पर आए तो फयाज के पिता बिल्ला ने कहा कि दरवाजा खोल दो क्योंकि ये जानने वाले हैं. बिल्ला ने उस वक्त मेरे बेटे को गोद में उठा रखा था. बिल्ला ने अनजान लोगों के हाथों में बंदूकें देखकर कहा कि वो उसे गोली मारना चाहते हैं तो यहीं मार दें. फिर वो बिल्ला को एक कमरे में ले गए और गोली मार दी.

दोस्तों ने ही की पिता की हत्या
उस वक्त फयाज और बाकी परिवार के सदस्य घर में ही मौजूद थे. फयाज ने रोते रोते बताया कि उसे पिता के मरने से ज्यादा दोस्तों की ओर से दिए धोखे का अफसोस हो रहा है. वो दोनों मेरे हमसाया रहे, दोस्त रहे और उन्होंने ही मेरे पिता की हत्या करा दी. फयाज का कहना है कि उसके पिता को ये पता था कि पाकिस्तान या आतंकवादी कभी ना कभी हत्या करा देंगे. लेकिन उसके दोस्त ही इसका जरिया बनेंगे, ये कभी सपने में भी नहीं सोचा था. बिल्ला पर धारा 302 के तहत सुदुरकोट मामले में हत्या का केस दर्ज था.

Advertisement

10 साल से घर पर थे पिता
फयाज ने कहा कि वो नहीं जानता कि उसके पिता इसमें शामिल थे या नहीं. पिछले 10 साल से उसके पिता घर पर ही थे. सड़क पर घूमते थे कोई उन्हें कुछ नहीं कहता था. बिल्ला और उसके दो साथियों वली मो. मीर और अयूब डार के साथ 5 अक्टूबर 1996 को सदराकूट में 3 परिवारों के 7 लोगों की हत्या का आरोप था. 2016 में 22 मार्च को जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने पुलिस को बिल्ला को गिरफ्तार करने और उसकी संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया था. लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार करने में नाकाम रही और भगौड़ा घोषित कर दिया.

 

Advertisement
Advertisement