जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ में 8 साल की मासूम बच्ची के साथ कई दिनों तक गैंगरेप के बाद हत्या के मामले की जांच क्राइम ब्रांच के अलावा एक इंडिपेंडेंट फैक्ट फाइंडिंग टीम ने भी की है. इस जांच टीम ने आज कठुआ केस पर अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में राज्यमंत्री जीतेंद्र सिंह को सौंप दी. इस जांच टीम ने भी मामले की जांच CBI से करवाए जाने की सिफारिश की है.
जानकारी के मुताबिक, इस इंडिपेंडेंट फैक्ट फाइंडिंग टीम में रिटायर्ड जज, वकील, पत्रकार और कुछ जाने-माने समाजसेवी शामिल हैं. इस टीम ने भी कठुआ में जाकर मौके का मुआयना किया और लोगों से बातचीत की और अपने तरीके से एक रिपोर्ट तैयार की है.
इस जांच टीम में शामिल मोनिका अरोड़ा का कहना है कि जो चीजें सामने आ रही हैं और जो तथ्य सामने आ रहे हैं, जो कहा जा रहा है और वहां की जो वास्तविक स्थिति है, उसमें काफी अंतर है. इसलिए इस मामले में सीबीआई जांच की जानी चाहिए, ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके.
मोनिका अरोड़ा का यह भी कहना है कि घटना स्थल को मंदिर बताया जा रहा है. लेकिन जहां पर इस घटना को अंजाम दिया गया था, वास्तव में वह मंदिर नहीं बल्कि कोई देव स्थान है. टीम का कहना है कि जिस दौरान घटना की बात कही जा रही है, उस दौरान 13 जनवरी को वहां पर लोहड़ी, 14 जनवरी को मकर संक्रांति के बाद 15 जनवरी को भंडारे का आयोजन किया गया था.
इंडिपेंडेंट फैक्ट फाइंडिंग टीम की रिपोर्ट आने के बाद केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा कि चूंकि यह मामला अदालत में है, इसलिए हम भी चाहते हैं कि गुनहगार जो भी है उसके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो. बेगुनाह कोई फंसे नहीं. इस रिपोर्ट में जो भी तथ्य सामने आए हैं, उसके अनुसार भी जांच होनी चाहिए.