जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कठुआ रेप-मर्डर केस में मुकदमे की सुनवाई कर रही जिला एवं सत्र अदालत को आश्वस्त किया कि सुनवाई के दौरान पुलिस सरकारी गवाहों की मौजूदगी सुनिश्चित करेगी. इस मामले में गवाहों के बयान दर्ज करने का काम शुरू कर चुकी अदालत ने 17 सम्मन जारी किए जाने के बाद भी गवाहों की गैर-मौजूदगी के मुद्दे पर पिछले हफ्ते नाराजगी जताई थी.
कठुआ कांड की जांच की अगुवाई कर रहे अपराध शाखा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रमेश कुमार जल्ला बंद कमरे में सुनवाई शुरू होने के तुरंत बाद अदालत के सामने पेश हुए. उन्होंने न्यायाधीश ताजविंदर सिंह को आश्वस्त किया कि पुलिस अब गवाहों की मौजूदगी सुनिश्चित करेगी. इस मामले गवाहों की गैर-मौजूदगी के बाद अदालत ने एसएसपी को व्यक्तिगत तौर पर हाजिर होने के निर्देश दिए थे.
बचाव पक्ष के वकील असीम साहनी ने बताया कि एसएसपी ने अदालत को यकीन दिलाया कि भविष्य में सारे गवाह समय पर अपने बयान दर्ज कराएंगे. अन्य वकीलों एवं अधिकारियों के मुताबिक, अभियोजन पक्ष के एक गवाह ने अदालत को बताया कि अपराध के समय कब, क्या और कैसे हुआ. इस गवाह का बयान दर्ज किया जा रहा है. पूरी सुनवाई बंद कमरे में की जा रही है, इसलिए लोगों की इसकी जानकारी नहीं है.
वकील असीम साहनी ने बताया, 'चूंकि यह बंद कमरे में हो रही सुनवाई है, इसलिए हम कुछ बता नहीं पाएंगे और खुद को सीमित रख रहे हैं. हम सिर्फ इतना कह सकते हैं कि गवाह हाजिर हुए हैं और कार्यवाही चल रही है.' उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ने बचाव पक्ष के वकील की ओर से दायर एक आवेदन पर अपनी आपत्ति जताई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच जारी है.
बचाव पक्ष के वकील ने अपने आवेदन सात में से एक आरोपी परवेश कुमार उर्फ मन्नू को नाबालिग बताया है. पिछले हफ्ते अदालत ने आठ में से सात आरोपियों के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोप तय किए थे, जिससे उनके खिलाफ मुकदमा शुरू करने का रास्ता साफ हो गया था. कठुआ कांड का आठवां आरोपी नाबालिग है. जम्मू-कश्मीर में एक किशोर न्यायालय में उस पर मुकदमा चल रहा है.
बताते चलें कि जम्मू-कश्मीर के कठुआ में इसी साल 10 जनवरी को 8 साल की मासूम बच्ची को अगवा कर कथित तौर पर एक मंदिर में उसे 3 दिन तक बंधक बनाकर रखा गया. इस दौरान एक पुलिसकर्मी सहित 8 लोगों ने उसके साथ रेप किया. फोरेंसिक लैब की रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान पीड़ित बच्ची को भांग और नशीली दवाओं का ओवरडोज देकर अचेत रखा गया. 13 जनवरी को गला घोंटकर पीड़िता की हत्या कर दी गई.