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मंत्री के खिलाफ रिश्वत केस में जारी रहेगी जांच

केरल में स्थानीय निकायों के चुनाव से पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ की सरकार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब विशेष सतर्कता अदालत ने राज्य के वित्त मंत्री केएम मणि के खिलाफ बार रिश्वत केस बंद करने से इनकार कर दिया.

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केरल के वित्त मंत्री केएम मणि
केरल के वित्त मंत्री केएम मणि

केरल में स्थानीय निकायों के चुनाव से पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ की सरकार को उस समय बड़ा झटका लगा, जब विशेष सतर्कता अदालत ने राज्य के वित्त मंत्री केएम मणि के खिलाफ बार रिश्वत केस बंद करने से इनकार कर दिया.

विशेष सतर्कता अदालत ने जांच एजेंसी की अंतिम रिपोर्ट खारिज करते हुए इस मामले की आगे जांच का आदेश दे दिए. जांच आयुक्त और विशेष न्यायाधीश जॉन के इतेकदन ने सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की अंतिम जांच रिपोर्ट स्वीकार करने से मना कर दिया. इस रिपोर्ट में मणि को दोषमुक्त करार दिया गया था.

फाइनल रिपोर्ट में बताया गया था कि मंत्री के खिलाफ 2014 में विदेशी शराब के बार का लाइसेंस नवीनीकृत करने के एवज में पांच करोड़ रूपये की मांग करने और एक करोड़ रूपये स्वीकार करने के मामले में पर्याप्त सबूत नहीं हैं.

इस पर अदालत ने पाया कि अंतिम रिपोर्ट स्वीकार करने योग्य नहीं है. और इसके साथ ही अदालत ने मामले में आगे जांच के लिए इस केस को फिर से जांच अधिकारी को सौंप दिया.

सतर्कता ब्यूरो ने जून में अंतिम रिपोर्ट सौंपते हुए कहा था कि वित्तमंत्री के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने के लिए कोई सबूत नहीं है. इसलिए इस केस को बंद किया जाना चाहिए.

मार्क्सवादी पार्टी के वयोवृद्ध नेता और केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता वी.एस. अच्युतानंद और आठ अन्य लोगों ने मामल बंद किये जाने के खिलाफ याचिका दायर की थी. उन्होंने कहा था कि मणि पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं.

इनपुट- भाषा

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