एनआईए की जांच में खुलासा हुआ है कि केरल आईएसआईएस मॉड्यूल का मुख्य मास्टरमाइंड अब्दुल्ला राशिद टेलीग्राम ग्रुप बनाकर केरल के युवकों को भड़काने की कोशिश में जुटा हुआ है. इसके कहने पर ही करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा लोगों ने अफगानिस्तान जाकर आईएसआईएस के मॉड्यूल को ज्वाइन किया था.
एनआईए सूत्रों के मुताबिक, मोहम्मद अब्दुल्ला राशिद अफगानिस्तान में मौजूद है. वह 'गोल्ड दिनार 4' के नाम से एक टेलीग्राम ग्रुप को ऑपरेट करता है. उसमें वह केरल के युवकों को आईएसआईएस ज्वाइन करने की बात भी करता है. वह कहता है कि इंडिया में वायलेंस फैलाना है.
उसने इस टेलीग्राम ग्रुप में यह भी दावा किया है कि सैकड़ों की संख्या में केरल में आईएसआईएस के समर्थक मौजूद हैं. एनआईए ने इस पर जांच करते हुए मोहम्मद राशिद अब्दुल्ला के गोल्ड दिनार 1, गोल्ड दिनार 2 और गोल्ड दिनार 3 नामक टेलीग्राम ग्रुप को पहले ही डिलीट करवा दिया है.
केरल मॉड्यूल का मुख्य मास्टरमाइंड मोहम्मद राशिद अब्दुल्ला लगातार नए-नए टेलीग्राम ग्रुप बनाकर केरल के युवकों को ISIS ज्वाइन करने और भड़काने में जुटा हुआ है. पिछले साल नवंबर के महीने में भी अब्दुल्ला राशिद ने ISIS के धमकी भरे ऑडियो क्लिप जारी किए थे.
क्लिप में कुंभ मेले और त्रिशूर पुरम (केरल में मनाया जाने वाला हिन्दू त्योहार) में हमला करने की बात कही गई थी. ये दोनों मेले ऐसे हैं, जहां भारी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं. जो ऑडियो क्लिप सामने आई थी वो मलयालम भाषा में थी. इस क्लिप में एक आतंकी भारत में मौजूद अपने समर्थकों को भड़का रहा था.
ये कोई और नहीं अब्दुल्ला राशिद ही था. एक बार फिर इस तरीके का ऑडियो क्लिप टेलीग्राम ग्रुप में जारी करके वो केरल के युवकों को भड़काने में जुटा है. पिछले साल एनआईए ने आईएसआईएस के दो संचालक अब्दुल राशिद अब्दुल्ला और यास्मीन मोहम्मद जाहिद के खिलाफ एक आरोप पत्र दाखिल किया था.
इसमें अब्दुल्ला मुख्य आरोपी था. उसने कासरगोड के कई युवकों को अपने परिवार समेत देश छोड़कर इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था. यास्मीन मोहम्मद जाहिद को काबुल के लिए विमान पकड़ने के दौरान हिरासत मे लिया गया था. वह अफगानिस्तान जाकर आईएस में शामिल होने वाली थी.
एनआईए की जांच में यह बात साबित हुई है कि अब्दुल राशिद अब्दुल्ला इस मामले में मुख्य षड्यंत्र कर्ता है. इसने कासरगोड के कई युवाओं को परिवार सहित भारत छोड़कर इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए प्रेरित किया था. वह कासरागोड और अन्य स्थानों पर इस आतंकवादी संगठन और इसकी विचारधारा के समर्थन में क्लास आयोजित करता था.