खालिस्तान समर्थक सिख संगठनों ने हाफिज सईद की राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग को अपना समर्थन देकर सबको चौंका दिया है. महज चार दिन पहले ही हाफिज के रिश्तेदार अब्दुल रहमान मक्की ने पेशावर के मुल्तान में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव का अपमान किया था. लेकिन उसे भुलाकर सिख संगठन हाफिज सईद के साथ नजर आ रहे हैं.
दरअसल, भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी हाफिज सईद के रिश्तेदार मक्की ने बीती 26 अप्रैल को न केवल गुरु नानक देव पर इस्लाम के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया था, बल्कि उनको मुस्लिम विरोधी भी बताया था. बावजूद इसके खालिस्तान के पैरोकार सिख संगठन और उग्रवादी संगठन खामोश रहे. वे मक्की और हाफिज सईद के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोल पाए.
हैरानी की बात ये है कि गुरु नानक देव के अपमान को नजरअंदाज करते हुए पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के महासचिव गोपाल सिंह चावला ने गुरु नानक देव की जन्म स्थली ननकाना साहिब में न केवल हाफिज सईद की राजनीतिक पार्टी की कॉन्फ्रेंस आयोजित करने में मदद की, बल्कि हाफिज को भरोसा भी दिलाया कि पाकिस्तान के सिख उनके साथ हैं.
'आज तक' को मिली जानकारी के मुताबिक 28 अप्रैल को ननकाना साहिब में आयोजित की गई राजनैतिक कंवेंशन में न केवल मिली मुस्लिम लीग के अध्यक्ष सैफुल्लाह खालिद ने भाग लिया, बल्कि हाफिज सईद भी वहां पर मौजूद था. आयोजकों ने हाफिज को कैमरों से दूर रखा लेकिन गोपाल सिंह चावला और सैफुल्लाह की तस्वीरें सबके सामने हैं, जो बताती हैं कि चावला ने खुलेआम धार्मिक स्थल को उग्रवादी हाफिज सईद के स्वागत के लिए इस्तेमाल किया.
हाफिज सईद ने अपने एक ताजा जहरीले भाषण में कहा है कि सिखों की हालत किसी से छुपी हुई नहीं है. आज उनको विश्व की मज़लूम तरीन कौमों में शुमार किया जाता है. जिस समुदाय ने कभी हिंदुस्तान पर राज किया. आज उसकी हालत दयनीय है और उनको कोई भी पूछने वाला नहीं है.
हालांकि हाफ़िज़ का ये बयान हास्यास्पद है क्योंकि सिख समुदाय ने ना केवल भारत बल्कि समूचे विश्वभर में अपनी काबलियत और तरक्की के झंडे गाड़े हैं.
शर्मनाक बात यह है कि हाफिज सईद के इस जहरीले और अपमानजनक भाषण के बाद भी खालिस्तान के पैरोकार खामोश हैं. हाफिज पाकिस्तान में खुला घूम रहा है और सिखों को लुभाने के लिए सिख बहुल इलाकों खासकर लाहौर और ननकाना साहिब की यात्राएं कर उनको बरगलाने में लगा है.