चेन्नई के कांचीपुरम में पुलिस ने एक अपहृत व्यक्ति को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़वाया. अपहृत व्यक्ति एक प्राइवेट बहुराष्ट्रीय कंपनी में कार्यरत है और पेशे से इंजीनियर है. पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार करके कार्यवाही शुरू कर दी है. पुलिस का मानना है कि आरोपी इससे पहले भी अपहरण की कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं.
जानकारी के मुताबिक, प्रेमकुमार एक आईटी कंपनी में इंजीनियर के तौर पर काम करता था. वो मूल रूप से तेलंगाना का रहने वाला है. वह ऑफिस के ही कुछ दोस्तों के साथ पास के ही एक अपार्टमेंट में किराए पर फ्लैट लेकर रहता था. 27 जुलाई की रात ऑफिस का काम खत्म होने के बाद सारे लोग घर जाने लगे, लेकिन प्रेमकुमार रुक गया था.
फिरौती में मांगे थे दस लाख रुपये
प्रेमकुमार के दोस्त संदीप ने बताया कि वो लोग सारी रात इंतजार करते रहे, लेकिन वह नहीं आया. इस दौरान उसका फोन भी स्विच ऑफ था. किसी अनहोनी की आशंका से अगली सुबह उन्होंने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. इसी बीच अपहरणकर्ताओं का फोन आया और 10 लाख रुपये फिरौती की मांग की गई. पुलिस को सूचित किया गया.
पुलिस ने किया गिरोह का भंडाफोड़
अपहरणकर्ताओं की बताई जगह पर संदीप पहुंचा, लेकिन वो बार-बार जगह बदलकर बुलाते रहे. रात को 11 बजकर 30 मिनट पर संदीप अपहरणकर्ताओं के पास पहुंचा. उसने जैसे ही पैसा दिया पुलिस ने उन्हें धर दबोचा. आरोपी की पहचान 22 वर्षीय प्रतिभन के रूप में हुई. इसका एक गैंग था. इसमें उसके अलावा पांच अन्य लोग भी काम करते हैं.
पहले भी वारदात को दे चुके हैं अंजाम
पुलिस के मुताबिक, प्रतिभन के साथ प्रवीण बालाजी, विवेकराज और जयसीलन नामक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इनके पास से असलहा, दो कार और एक बाइक बरामद की गई है. इन लोगों ने पहले भी इस तरह के कई वारदात को अंजाम दिया है. इनके खिलाफ अपहरण का केस दर्ज करके जांच शुरू कर दिया गया है. पूछताछ की जा रही है.