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किडनैपर्स ने मनाया था डॉक्टर का बर्थ-डे, गिफ्ट में दिया काला चश्मा

उस दिन उन्होंने श्रीकांत को अच्छा खाना खिलाया. उस दिन किडनैपर्स ने उनके साथ मारपीट भी नहीं की. किडनैपर्स ने रात को दारू पार्टी करने और केक काटने की बात कही थी.

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तीनों किडनैपर्स को गिरफ्तार कर लिया गया है
तीनों किडनैपर्स को गिरफ्तार कर लिया गया है

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किडनैपर्स के चंगुल से आजाद होने के बाद डॉक्टर श्रीकांत गौड़ ने बताया कि जिस वक्त वह किडनैपर्स के कब्जे में थे, उसी बीच 10 जुलाई को उनका 29वां जन्मदिन था. किडनैपर्स को जब उनके जन्मदिन के बारे में पता चला तो उन्होंने जन्मदिन सेलिब्रेट किया और उन्हें मुबारकबाद दी.

14 दिनों तक किडनैपर्स की गिरफ्त में रहे डॉक्टर श्रीकांत ने बताया कि उन्हें यह 14 दिन खासतौर से अपना इस बार का जन्मदिन ताउम्र याद रहेगा. उन्होंने बताया, जन्मदिन वाले दिन किडनैपर्स ने उन्हें एक काला चश्मा गिफ्ट किया था. साथ ही श्रीकांत को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनकी लंबी उम्र की बात कही.

उस दिन उन्होंने श्रीकांत को अच्छा खाना खिलाया. उस दिन किडनैपर्स ने उनके साथ मारपीट भी नहीं की. किडनैपर्स ने रात को दारू पार्टी करने और केक काटने की बात कही थी. मगर उसी रात पुलिस की दबिश की वजह से पार्टी का यह प्लान कैंसिल करना पड़ा.

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गिरफ्त से छूटे डॉक्टर श्रीकांत अपनी आपबीती सुनाते हुए रो पड़े. किडनैपर्स के चंगुल से छुड़ाने के लिए उन्होंने दिल्ली पुलिस का शुक्रिया अदा किया. श्रीकांत ने आपबीती सुनाते हुए कहा कि उनके माता-पिता उनसे अक्सर कैब नहीं करने के लिए कहते थे. उन्हें कैब में अकेले बैठने से हमेशा डर लगता था. 6 जुलाई को उनकी मेट्रो छूट गई थी, इसलिए उन्होंने पहली बार कैब बुक की थी. बस यहीं उनसे गलती हो गई.

श्रीकांत ने बताया कि शुरूआती दिनों में किडनैपर्स ने उनके साथ जमकर मारपीट की. किडनैपर्स ने एक बार उनकी कलाई की नस काटने की भी कोशिश की. किडनैपर्स कहते थे कि उनकी उनसे कोई दुश्मनी नहीं है. फिरौती के 5 करोड़ रुपये मिलने के बाद वह उन्हें छोड़ देंगे. उन्होंने किडनैपर्स को बताया था कि अभी उनकी शादी नहीं हुई है और छोटी बहन की शादी करनी है. श्रीकांत कहते हैं कि एक बार उन्हें ऐसा लगा था कि शायद किडनैपर्स अब उनकी हत्या कर देंगे.

क्या था मामला

अपहरण की यह वारदात बीती 6 जुलाई की है. प्रीत विहार के मेट्रो हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉक्टर श्रीकांत गौड़ ने रात 11 बजे घर जाने के लिए ओला कैब बुक की थी. थोड़ी देर में ही ड्राइवर सुशील कैब लेकर उनकी लोकेशन पर पहुंच गया. कुछ दूर चलने के बाद ड्राइवर के साथी भी कैब में बैठ गए. डॉक्टर गौड़ ने इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दे डाली. आरोपी डॉक्टर गौड़ को अपने साथ मेरठ ले गए. उन्होंने श्रीकांत को एक घर में बंधक बना लिया और रिहाई के बदले ओला कंपनी से 5 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी.

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लोकेशन ट्रेस करते हुए किडनैपर्स तक पहुंची पुलिस

इस बात की सूचना ओला कंपनी ने पुलिस को दी. पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू की. जांच में पता चला कि कैब में जीपीएस लगा हुआ है. इसके बाद लोकेशन ट्रेस करते हुए पुलिस दौराला के दादरी में आरोपियों के ठिकाने तक जा पहुंची. जब इस बात की भनक बदमाशों को लगी तो वे दूसरी गाड़ी लेकर फरार हो गए. इसी दौरान पुलिस को बदमाशों के मेरठ वाले ठिकाने का पता चल गया. पुलिस ने बदमाशों के ठिकाने की घेराबंदी कर ली. दोनों तरफ से फायरिंग शुरू हो गई. कुछ देर चली गोलीबारी के बाद पुलिस ने विवेक उर्फ मोदी, प्रमोद और अनुज नामक बदमाश को अरेस्ट कर लिया.

डॉक्टर गौड़ को सकुशल बरामद किया

मौके से श्रीकांत को भी सकुशल बरामद कर लिया गया. पुलिस के मुताबिक, आरोपी ड्राइवर सुशील और अनुज ने इस तरह की वारदात की योजना बनाई थी. प्लान के मुताबिक सुशील के फर्जी कागजात तैयार करवाकर एक गाड़ी को ओला कंपनी में लगवाया गया था. उसी के बाद से आरोपी किसी शिकार की तलाश कर रहे थे. पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल की गई कैब भी बरामद कर ली है.

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