दिल्ली पुलिस ने 36 घंटे में दो साल के मासूम के अपहरण की गुत्थी सुलझाते हुए मुख्य अपहरणकर्ता को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी बच्चे का पड़ोसी निकला, जिसने अपहरण के बाद बच्चे को एक गैंग को बेच दिया था. खुलासा हुआ कि अपराधी बच्चों की खरीद-फरोख्त में अब वॉट्सएप का इस्तेमाल कर रहे हैं.
दिल्ली में बच्चा चुराने वाले कई ऐसे गिरोह हैं, जो बदलते वक्त के साथ-साथ अपने काम करने का तरीका भी अब बदल रहे हैं. वारदातों को अंजाम देने के लिए अब सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया जा रहा है. हाल ही में दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो वॉट्सएप के जरिए बच्चों को बेच रहा था.
एक बार फिर दिल्ली पुलिस ने एक मासूम के अपहरण की गुत्थी को महज 36 घंटे के भीतर सुलझा लिया. पुलिस के मुताबिक, दिल्ली के हरिनगर निवासी आरोपी करणपाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर पड़ोस में ही रहने वाले बच्चे का अपहरण कर लिया था. जिसके बाद आरोपियों ने मासूम को एक बच्चा चुराने वाले गैंग को बेच दिया.
पुलिस ने जब घर के आसपास लगे सीसीटीवी खंगाले तो इस पूरी घटना का खुलासा होने में देर न लगी. आरोपी करणपाल को गिरफ्तार कर लिया गया. करणपाल ने पुलिस को बताया कि बच्चे को बेचने के बाद उसके हिस्से में 30 हजार रुपये आए थे. बच्चे को सही-सलामत परिजनों को सौंप दिया गया है. अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है.
गौरतलब है कि रमजान के महीने में दिल्ली के जामा मस्जिद के पास से एक ढाई साल का बच्चा चोरी हो गया था. करीब 15 दिनों बाद मुखबिर की मदद से पुलिस को बच्चे का सुराग मिला. आरोपी वॉट्सएप की मदद से ढाई लाख रुपये में बच्चे का सौदा करने की फिराक में थे. पुलिस ने नकली ग्राहक बनकर जाल बिछाया और तीन महिलाओं समेत गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया.