आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने पेशावर के पास स्थित बाचा खान विश्वविद्यालय पर हमले की जिम्मेदारी ली है. यह वही आतंकी संगठन है, जिसने 2014 में पेशावर के आर्मी स्कूल पर हमला करके कई मासूम बच्चों को मौत की नींद सुला दिया था. आइए जानते हैं इस आतंकी संगठन के बारे में.
तहरीक-ए-तालिबान का मतलब
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का मतलब है 'पाकिस्तानी छात्रों का अभियान'. 'तालिब' का अर्थ 'छात्र' होता है या फिर 'धार्मिक शिक्षा मांगने वाला' और 'तहरीक' का अर्थ 'अभियान' या 'मुहिम' होता है. यह एक
संघ-शासित जनजातीय क्षेत्र से उभरने वाला आतंकवादी संगठन है. यह अफ़ग़ानिस्तान के तालिबान से अलग है. हालांकि यह संगठन उनकी विचारधारा का समर्थन करता है.
टीटीपी का मकसद
तहरीक-ए-तालिबान यानी टीटीपी का मकसद पाकिस्तान में शरिया पर आधारित एक कट्टरपंथी इस्लामी शासन कायम करना है. इसकी स्थापना दिसंबर 2007 में 13 आतंकी गुटों ने मिलकर की थी. जनवरी 2013 में तहरीक-ए-तालिबान ने घोषणा की थी कि वह भारत में भी शरिया-आधारित शासन चाहता है. उसने लोकतंत्र और धर्म-निरपेक्षता खत्म करने के लिए लड़ने की बात भी कही थी. यही वजह है कि यह आतंकी संगठन कश्मीर में सक्रिय होने की कोशिश करता रहा है.
मौलना फजलुल्लाह है टीटीपी का मुखिया
इस आतंकी संगठन के दूसरे मुखिया हकीमुल्लाह महसूद की मौत के बाद मौलाना फजलुल्लाह ने इस संगठन की कमान संभाली. मौलना फजलुल्लाह इस संगठन के संस्थापक महसूद का खास माना जाता है. संगठन में आतंक के दम पर जगह बनाने वाले फजलुल्लाह को नवंबर 2013 टीटीपी का तीसरा मुखिया चुना गया था.
बैतुल्ला महसूद ने की थी स्थापना
पाकिस्तानी तालिबान के नाम से कुख्यात इस संगठन की स्थापना पाकिस्तान के कुख्यात आतंकवादी बैतुल्ला महसूद ने की थी, जिसकी 23 अगस्त, 2009 को मौत हो गयी थी. टीटीपी का ठिकाना पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर मौजूद आदिवासी क्षेत्र में है. यह संगठन कई आतंकी गुटों से मिलकर बना है.
अल कायदा से है रिश्ता
पाकिस्तानी तालिबान अक्सर पाकिस्तानी राज्यों को अपना निशाना बनाता रहा है. लेकिन कई खुफिया एजेंसियों का मानना है कि इस संगठन का असली मकसद अमेरिका के कई बड़े शहरों को अपना निशाना बनाना है. आतंकी संगठन अल-कायदा से टीटीपी के गहरे रिश्ते माने जाते हैं. मई 2010 को न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वॉयर पर हुए हमले में टीटीपी का नाम सामने आया था. इस संगठन ने ही ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद अमेरिका पर हमले की धमकी दी थी.
पेशावर आर्मी स्कूल पर किया था हमला
तहरीक-ए-तालिबान के छः आतंकियों ने पाकिस्तान के पेशावर में 16 दिसबंर 2014 को आर्मी स्कूल पर हमला किया था. इस हमले में तकरीबन 200 मासूम बच्चों की जान चली गई थी. इस हमले से टीटीपी का नाम फिर से सुर्खियों में आ गया था. पाकिस्तान सरकार ने इसके बाद कई आतंकियों को सजा-ए-मौत भी सुनाई थी.