दिल्ली पुलिस ने कहा है कि अपराध को अंजाम देते वक्त महिला खानाबदोश की जिंदगी जी रही थी और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रह रही थी.
नई दिल्ली पुलिस की एक टीम ने इस भगोड़ी महिला डकैत का पता लगाया. ये टीम अपराध करके फरार होने वाली ऐसे 35 लोगों का पता इस साल लगा चुकी है. पिछले साल भी इस टीम ने 85 भगोड़े अपराधियों का ढूंढ़ निकाला था. इस टीम के इस शानदान काम के लिए टीम के सदस्य और एएसआई रितूल को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया था.
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अपराध में चार लोग थे शामिल
साल 2012 में आरती ने अमित गुप्ता, राम कुमार कालिया और मोहम्मद अनवर नाम के शख्स के साथ चांदनी चौक में कपड़ों की एक दुकान में डकैती की वारदात को अंजाम दिया था. इनमें से अमित गुप्ता, राम कुमार कालिया नेपाली मूल के नागरिक थे.
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3 मई 2012 की वारदात
3 मई 2012 की नौ बजे रात को चाकू और रेजर से लैस होकर ये बाजार पहुंचे और राम बाबू और गौरव माहेश्वरी नाम के दुकान के वर्करों को काबू में कर लिया. इसके बाद उन्होंने लॉकर की चाबियां मांगी, लेकिन जब ये चाबी लेने में नाकामयाब रहे तो वे सैमसंग फोन लेकर भाग गए. भागते वक्त उन्होंने दुकान को बाहर से बंद कर दिया था.
तब पुलिस ने किया था गिरफ्तार
बाद में पुलिस ने इन्हें सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय मुखबिरों की मदद से खोज निकाला था. पुलिस ने केस की जांच की और अदालत में चार्जशीट भी फाइल कर दी. आरोपी महिला ने अदालत में बेल की याचिका दी और बाहर आ गई. लेकिन बाहर आने के बाद वो गायब हो गई. अब पुलिस ने लंबे समय के बाद इस महिला को फिर से गिरफ्तार कर लिया है.