भारत-पाकिस्तान सीमा पर जैसलमेर में पकड़े गए पाकिस्तानी हिंदू जासूस के बारे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. नंदू महाराज महज 26 साल की उम्र में आईएसआई का सबसे बड़ा और भरोसेमंद जासूस बन गया था. अय्याशी के शौक ने नंदू महाराज को जासूस बना दिया था. इस जासूस ने सीमा पार से आरडीएक्स और खतरनाक हथियार मंगाने के लिए पूरा नेटवर्क तैयार किया था. वहीं इस मामले में खुफिया एजेंसियों को एक और बड़ी कामयाबी मिली है. बॉर्डर पर आरडीएक्स की डिलीवरी लेने वाला आदू फकीर एटीएस की गिरफ्त में आ चुका है. एटीएस अब इस डिलीवरीमैन से पूछताछ कर रही है.
पाकिस्तानी जासूस नंदू महाराज को दरअसल अय्याशी के शौक ने जासूस बना दिया. नंदू महाराज आईएसआई के पैसों से भारत के महंगे होटलों में रहता था और रंगरेलियां मनाता था. पाकिस्तान ने पहली बार जासूसी की ऐसी चाल चली कि भारतीय खुफिया एजेंसियों को इसे पहचानने में एक साल का वक्त लग गया. दरअसल पकड़ा गया जासूस नंदू महाराज उर्फ नंदूलाल गर्ग हिंदू होने का फायदा उठाकर पूरे भारत में घूमकर जासूसी का नेटवर्क फैला रहा था. नंदू महाराज के जाल में राजनेता, समाजसेवी से लेकर आईपीएस अधिकारी तक फंसकर इसकी दोस्ती की फेहरिस्त में शामिल हो चुके थे. बताते चलें कि नंदू महाराज हुलिया बदलने में भी बेहद माहिर था.
एटीएस ने पकड़ा आरडीएक्स का डिलीवरीमैन
वहीं एटीएस ने आरडीएक्स की डिलीवरी लेने वाले शख्स आदू फकीर को जैसलमेर बार्डर के पास स्थित आदू गांव से धर दबोचा. इस डिलीवरीमैन से एटीएस के साथ-साथ इंटेलीजेंस एजेंसियां संयुक्त रूप से पूछताछ कर रही हैं. बॉर्डर इंटेलीजेंस पुलिस के एएसपी राजीव दत्ता ने बताया कि तथाकथित जासूस और तस्कर नंदू महाराज आईएसआई का सबसे भरोसेमंद जासूस था. आईएसआई ने नंदू को भारत में ज्यादा से ज्यादा नेटवर्क व सर्किल फैलाने के निर्देश दिए थे. इसके लिए पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई नंदू महाराज को मोटी रकम मुहैया करवाती थी.
फेसबुक और व्हाट्सएप पर बना रखे थे ग्रुप
पूछताछ में पता चला है कि नंदू महाराज ने जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर में फेसबुक और व्हाट्सएप का ग्रुप बना रखा था. जिसका उपयोग वह जासूसी के लिए करता था. उसके इस ग्रुप में देश की प्रमुख राजनैतिक पार्टियों के स्थानीय नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और कई ऐसे लोग शामिल थे जिन पर शक नहीं किया जा सकता था. ऐसे ही करीब 60 से 70 लोगों के उससे जुड़े होने की बात सामने आई है. नंदूलाल आरडीएक्स और खतरनाक हथियारों को बॉर्डर लाइन तक पहुंचाने का काम करता था. वहां से भारतीय सीमा से आए तस्कर इन्हें आगे ले जाते थे.
व्हाट्सएप और स्काईप से करता था संपर्क
नंदूलाल भारत में बैठे तस्करों से व्हाट्सएप और स्काईप की मदद से संपर्क साधता था. नंदूलाल जासूसी और तस्करी के लिए ईमेल का भी प्रयोग करता था. पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई की वेस्टर्न रीजन के कराची व मीरपुर के अधिकारी नंदूलाल गर्ग के हैंडलर थे. इमीग्रेशन अधिकारी याकूब खान नंदूलाल को भारत भेजने का जिम्मा उठाता था. इससे यह साफ हो जाता है कि पाकिस्तान सरकार इस नापाक हरकत में शामिल है. जानकारी मिली है कि पकड़े गए डिलीवरीमैन आदू फकीर के पाकिस्तान के खिपरो में कई रिश्तेदार रहते है. बता दें कि आईएसआई अब पाकिस्तानी हिन्दुओं को टारगेट करते हुए भारत की जासूसी करने के लिए बड़ी संख्या में अपने एजेंट तैयार कर रही हैं.
जयपुर न्यायालय ने 24 अगस्त तक जासूस नंदूलाल की रिमांड के आदेश दिए हैं. नंदूलाल के पास से मिले गोपनीय दस्तावेज मिलिट्री इंटेलीजेंस को सौंप दिए गए हैं. वहीं सवाल पैदा होता है कि आखिर ये गोपनीय दस्तावेज नंदूलाल तक कैसे पहुंचे. वहीं इस मामले में खुफिया एजेंसियां अभी और गिरफ्तारियां कर सकती है. खुफिया एजेंसी ने आज जोधपुर के उस घर में भी तलाशी ली, जहां नंदूलाल ठहरा हुआ था. तलाशी में नंदूलाल के कमरे से एक पाकिस्तानी सिम बरामद हुआ है, जिसे जब्त कर लिया गया है. बताते चलें कि नंदूलाल का पासपोर्ट और वीजा पहले ही जब्त किया जा चुका है. फिलहाल खुफिया एजेंसियों को नंदूलाल से पूछताछ में अभी और ज्यादा महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है.