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जानें वकील-पुलिस विवाद मामले की एफआईआर में क्या-क्या है?

एफआईआर में लिखा है कि पुलिस को घटना की सूचना मिलने के बाद थाने का स्टाफ कोर्ट पहुंचा जिसमें इंस्पेक्टर संजय भारद्वाज शामिल थे. लॉकअप के पास पुलिस पहुंचने पर देखा वकीलों की भीड़ जमा थी और वे गेट को घेरे हुए थे.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

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  • थाना सब्जी मंडी जिला एवं सेशन जज वेस्ट की पर दर्ज हुई शिकायत
  • वकील की पार्किंग को लेकर लॉकअप के पुलिस कर्मी से हुई थी कहासुनी

वकील-पुलिस विवाद मामले को लेकर वकील हड़ताल पर उतर आए. वकीलों ने रोहिणी, साकेत, पटियाला समेत कई अदालतों में प्रदर्शन किया था. यही नहीं, रोहिणी कोर्ट में दो वकीलों ने तो खुद पर पेट्रोल डालकर और इमारत पर चढ़कर खुदकुशी की कोशिश भी की. इस मामले को लेकर थाना सब्जी मंडी  जिला एवं सेशन जज वेस्ट की शिकायत पर दर्ज हुई है.

क्या लिखा है शिकायत में?

पुलिस-वकील विवाद की शुरुआती मामले की लिखित शिकायत में जज ने कहा कि मैं तीस हजारी कोर्ट में दूसरी मंजिल रूम नंबर 201 में अपनी कोर्ट की कार्यवाही कर रहा था और मेरे स्टाफ ने जब मुझे तीन बजे के करीब बताया कि वकील का एक समूह कोर्ट के लॉकअप के सामने जमा हो गया है. मैंने तब अपने स्टाफ को आदेश किया कि वो दिल्ली बार एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और सेक्रेट्री से तुरंत संपर्क करें और उन्हें मेरे चैम्बर में आने के लिए कहें या मौके पर पहुंचने के लिए कहें.

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आगे उन्होंने लिखा कि इसी दौरान मैं और कई अन्य सीनियर जज अपने पीएसओ और स्टाफ के साथ लॉकअप पहुंचे. जहां प्रदर्शन कर रहे कुछ वकीलों ने बताया कि सागर शर्मा नाम के एक वकील की पार्किंग को लेकर लॉकअप के पुलिसकर्मी और सुरक्षा कर्मियों से कहासुनी हुई है. उस वकील के साथ दुर्व्यवहार किया गया है. उसको मारा गया है और उसको लॉकअप के अंदर घसीट कर ले जाया गया है.

उन्होंने बताया कि हमने 20 मिनट तक मेन गेट से लाकअप के अंदर जाने का प्रयास किया लेकिन लॉकअप इंर्चाज ने मेन गेट नहीं खोला, जबकि हम अपनी पहचान भी बताते रहे और उनको हम ये भी बता रहे थे की हम यहां मैटर को शान्तिपूर्वक तरीके से सुलझाने आए है. साथ ही साथ हम यहां जरूरी इन्क्वॉयरी करने भी करने आए है. जब हमें मेन गेट से अंदर नहीं जाने दिया गया तो हम अपने स्टाफ और कार के साथ पीछे की तरफ से लॉकअप में जा रहे थे,  तभी हमें ज्ञात हुआ कि पुलिस कर्मियों द्वारा उन वकीलों पर फायरिंग हुई है जो जबरन लॉकअप में घुसने का प्रयास कर रहे थे. मुझे बताया गया कि इसमें एक वकील घायल हुआ है.

इंस्पेक्टर संजय भारद्वाज थे मौजूद

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पुलिस की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में लिखा है कि पुलिस को घटना की सूचना मिलने के बाद थाने का स्टाफ कोर्ट पहुंचा जिसमें इंस्पेक्टर संजय भारद्वाज शामिल थे. लॉकअप के पास पुलिस के पहुंचने पर देखा कि वहां वकीलों की भीड़ जमा थी और उन्होंने गेट घेर रखा था. सारे वकील काफी उग्र थे और लॉकअप तोड़ने की कोशिश कर रहे थे. वहां पर मौजूद वकीलों ने मेरे (यानि इंस्पेक्टर संजय भारद्वाज के साथ भी) बदतमीजी शुरू कर दी.

मौके की नजाकत को देखते हुए मैंने यह जानने की कोशिश की  कि लॉकअप के अंदर क्या हो रहा है. कुछ देर बाद एडिशनल डीसीपी नॉर्थ एसीपी सदर बाजार एसएचओ, सिविल लाइन एसएचओ, सदर बाजार एसएचओ, कोतवाली व अन्य अफसर भी वहां पहुंचे. सभी अफसरों ने वकीलों को समझाने की कोशिश की लेकिन वकील काफी उग्र थे. सभी वकीलों ने लॉकअप का मेन गेट तोड़ दिया और धक्का देकर खोल दिया और लॉकअप स्टाफ की पिटाई की और उन्हें चोट पहुंचाई.

इसी दौरान एडिशनल डीसीपी नॉर्थ लॉकअप के अंदर स्टाफ के साथ मानव चेन बनाकर वकीलों को फिर से लॉकअप का दरवाजा तोड़ने से बचाने में लगे थे. तभी जिला एवं सेशन जज, धर्मेश कुमार और अन्य जजों के साथ लॉकअप में गए.

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लॉकअप से फायरिंग की आवाज भी आई और जज साहब ने वकीलों से शांति बनाए रखने की कोशिश की पर वकील नहीं माने और उन्होंने लॉकअप के बाहर खड़ी कई सरकारी और निजी मोटरसाइकिल व एक पुलिस की जिप्सी में आग लगा दी और जेल वैन के शीशे तोड़ दिए. इस दौरान काफी पुलिस फोर्स  व अन्य सीनियर अफसर भी मौके पर आ गए. उस दौरान लॉकअप में बहुत सारे अंडर ट्रायल कैदी मौजूद थे जिन्हें सुरक्षा देना जरूरी था.

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