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आतंकी बहादुर अली ने कबूला- कश्मीर को सुलगाने के पीछे लश्कर और पाकिस्तान

कश्मीर में आतंक की नई साजिश रचने वाला लश्कर आतंकी बहादुर अली एनआईए के हत्थे चढ़ गया है. इस आतंकी ने कबूल किया है कि वो जमात-उद-दावा के लिए भी काम करता था. अली जमात के लिए फंड जुटाने का काम करता था.

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एनआईए को बहादुर अली से कई अहम जानकारी मिली हैं
एनआईए को बहादुर अली से कई अहम जानकारी मिली हैं

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कश्मीर में आतंक की नई साजिश रचने वाला लश्कर आतंकी बहादुर अली एनआईए के हत्थे चढ़ गया है. इस आतंकी ने कबूल किया है कि वो जमात-उद-दावा के लिए भी काम करता था. अली जमात के लिए फंड जुटाने का काम करता था. कश्मीर को दहलाने की फिराक में लगे आतंकी बहादुर अली को एनआईए ने 26 जुलाई को गिरफ्तार किया है.

उसने कई ऐसे खुलासे किए हैं जो चौंकाने वाले हैं. एनआईए की टीम ने उसके पास से GPS, कोडवर्ड्स में लिखी साजिश की स्क्रिप्ट, हथियार, सैटेलाइट फोन वगैरह भी जब्त किए हैं. एनआईए ने खुलासा किया लश्कर आतंकी बहादुर अली कश्मीर में जैश आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद से लगातार लोगों को भड़का रहा था.

लाहौर का रहने वाला बहादुर अली लश्कर के तीन ट्रेनिंग कैंप में आतंक की ट्रेनिंग ले चुका है.

एनआईए ने इस आतंकी को पकड़कर एक बड़ी साजिश को नाकाम कर दिया है. लश्कर का यह आतंकी शातिराना अंदाज में कश्मीर की धरती पर एक बड़ी साजिश को अमली जामा पहना रहा था. लेकिन इससे पहले कि वह अपने मकसद में कामयाब होता, उसे एनआईए ने धरदबोचा.

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पाकिस्तान की आतंकी फैक्ट्री में तैयार हुए आतंकवादी बहादुर अली ने कैमरे पर कबूल किया है कि कश्मीर में आग लगाने का पूरा प्लान हाफिज़ सईद के आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा ने तैयार किया था. इसमें पाकिस्तान की सेना का फुल सपोर्ट है. सेना इन आतंकवादियों को मिलिट्री ट्रेनिंग देने में और फिर घुसपैठ कराने में मदद करती है. यही नहीं इन आतंकवादियों को पाकिस्तान के कब्ज़े वाले कश्मीर में मौजूद पाकिस्तानी सेना के कम्यूनिकेशन सेंटर अल्फा-3 से लगातार निर्देश मिलते रहते हैं.

एनआईए जांच में पता लगा कि इस साल की गर्मी शुरू होने के समय से जितने भी आतंकी और कमांडर्स हैं वो एलओसी पाकिस्तान सुरक्षा बलों की मदद से बड़ी संख्या में हिंदुस्तान में दाखिल कर रहे हैं. उनको निर्देश हैं कि लोकल लोगों के साथ मिक्स करो. सुरक्षा बलों पर हमला करो और तनाव पैदा करो. बहादुर अली भी उन आतंकवादियों में एक है. उसे आतंकी ट्रेनिंग कैंप में तैयार करके पाकिस्तानी सेना की मदद से घुसपैठ कराकर कश्मीर में आतंक फैलाने के लिए भेजा गया था.

ये आतंकवादी लगातार पाकिस्तानी सेना के कंट्रोल सेंटर के संपर्क में भी रहते हैं. बहादुर अली भारत में दाखिल कराते समय लोग वायरलैस सेट पर बात कर रहे थे. बॉर्डर पर पाक लोगों से बात कर रहे हैं. किस जगह से घुसना आसान है. यदि फायरिंग होगी तो यहां से जवाबी फायरिंग होगी. तुम्हें कोई नुकसान नहीं होगा. अल्फा 3 से लगातार बहादुर अली की बात होती रही. अल्फा 3 कंट्रोल स्टेशन है. वैली के इलाके में संपर्क हो सकता है. बहादुर अली हंदवाड़ा के जंगलों से पकड़ा गया था.

जांच में पता चला कि नई तरह की साजिश का पता कि लोकल में मिक्स होना और ग्रेनेड फेंकना. इनसे जो असलहा मिला है ये बताता है कि इनको तैयार करने में मिलिट्री की सूझबूझ है टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल हुआ है. ट्रेनर्स का इस्तेमाल हुआ है. वायरलैस को मॉडफाई किया गया है. ऑटोमैटिक सर्च करता है. ये मिलिट्री के लिए इस्तेमाल होता है. ये वही कर सकता है जिसकी ट्रेनिंग इलैक्ट्रॉनिक्स की हाई लेवल की ट्रेनिंग हो. इन लोगों स्पेशलाइज्ड मिलिट्री ट्रेनिंग दी गई थी.

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