उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ सोने की तस्करी की सबसे बड़ी मंडी बन चुकी है. यहां के अमीनाबाद, चौक, आलमबाग, इंदिरानगर, गोमतीनगर में एक दिन में 60 से 70 किलो सोने का कारोबार होता है. सोने पर 12.5 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी और 3.0 प्रतिशत जीएसटी के चलते इसकी तस्करी को पंख लग गए हैं.
दुबई समेत कई देशों में सोना 4.20 लाख रुपये प्रति किलो सस्ता है, यानी प्रति किलो 31.50 लाख रुपये है. यही सोना जब लखनऊ पहुंचता है तो इस पर 12.5 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी व 3.0 फीसदी जीएसटी लगने से इसकी कीमत 35.70 लाख रुपये किलो पहुंच जाती है. इस कीमत के चलते सोने की तस्करी को बढ़ावा मिल रहा है.
सोना कारोबारी बताते हैं कि लखनऊ में तीन रूट से तस्करी का सोना आता है. सर्वाधिक कोलकाता, दूसरे नंबर पर नेपाल और तीसरे नंबर पर दुबई रूट है. दुबई से आने वाला सोना तो कभी-कभी पकड़ा भी जाता है, लेकिन कोलकाता से आने वाला नहीं पकड़ा गया. कोलकाता और नेपाल के रास्ते आने वाला तस्करी का सोना, लोहे के स्पेयर पार्ट्स के रूप में ढालकर लाया जाता है. इस सोने पर पेंट कर देते हैं, जिससे उसकी पहचान करना आसान नहीं होता.
स्पेयर पार्ट्स के रूप में नेपाल से आने वाला तस्करी का सोना कार के जरिये लाया जा रहा है. लखनऊ के अधिकतर बड़े खरीदार जो पहले शत-प्रतिशत सोना बैंक से खरीदते थे, उन्हें अब तस्करी का सोना खरीदना पड़ रहा है. ऐसे खरीददारों ने तस्करी का सोना खरीदने के लिए कमीशन पर एजेंट रखे हैं. ये एजेंट तस्करों से सोना लेकर खरीदारों को देते हैं.
मुनाफे के इस खेल ने लखनऊ को सोना तस्करो का पसंदीदा जगह बना दिया है. नतीजा ये कि पिछले एक साल मे ही लखनऊ के एयरपोर्ट करीब 7 करोड़ रूपयों का सोना पकड़ा जा चुका है, जिसमें से ज्यादातर दुबई से लाया गया था.