लखनऊ के हिंदू-मुस्लिम दंपति को पासपोर्ट जारी करने को लेकर उपजे विवाद में अब एक चश्मदीद सामने आया है. मोहम्मद अनस सिद्दीकी और तन्वी सेठ को धर्म के चलते पासपोर्ट देने से मना करने के विवाद में सामने आए कुलदीप सिंह नाम के शख्स का दावा है कि वह पासपोर्ट ऑफिस में घटी पूरी घटना के चश्मदीद हैं और इसीलिए शनिवार की दोपहर उन्हें अज्ञात बदमाशों ने किडनैप कर लिया था.
हालांकि कुलदीप का दावा है कि वह किसी तरह किडनैपर्स को चकमा देकर बच निकलने में सफल रहे.
लखनऊ के SSP दीपक कुमार ने कहा कि खुद को चश्मदीद बता रहे कुलदीप ने पासपोर्ट मामले में पासपोर्ट अधिकारी का बचाव किया है. हालांकि एसएसपी का कहना है कि कुलदीप के दावों की अभी पुष्टि नहीं हो सकी है और पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
कुलदीप सिंह ने बताया कि शनिवार को उसे स्कॉर्पियो सवार अज्ञात बदमाशों ने लखनऊ के जानकीपुरम एक्सटेंशन से किडनैप कर लिया. कुलदीप ने बताया कि किडनैपर्स उसे लखीमपुर के रास्ते नेपाल ले जा रहे थे. लेकिन बीच में जब वे एक ढाबे पर खाना खाने रुके तो वह किडनैपर्स को चकमा देकर बच निकला.
Kuldeep, a person claiming to be the eyewitness in the interfaith couple passport case has surfaced, he is supporting the RPO, he has also said an abduction attempt was made on him. All this is totally unconfirmed right now and we are looking into it: Deepak Kumar,SSP Lucknow pic.twitter.com/EJp1oA2CTF
— ANI UP (@ANINewsUP) June 24, 2018
यह है पूरा विवाद, BJP भी कूदी
पहले ये कहा गया कि हिंदू-मुस्लिम कपल होने के चलते मोहम्मद अनस सिद्दीकी और तन्वी सेठ को पासपोर्ट अधिकारी ने धर्म के नाम पर अपमानित किया. हिंदू-मुस्लिम होने के चलते पासपोर्ट रिन्यूअल का उनका आवेदन खारिज कर दिया और पासपोर्ट को होल्ड पर डाल दिया. लेकिन अब जो तथ्य सामने आए हैं, उसके मुताबिक, पासपोर्ट अधिकारी ने तीन विसंगतियों के चलते आपत्ति जाहिर की थी. इधर बीजेपी भी इस विवाद में कूद गई है. बीजेपी ने कहा कि अगर पासपोर्ट अधिकारी दोषी है तो उस पर कार्रवाई हो.
तन्वी के नाम-पते की हो सकती है जांच
बाद में ऐसी खबरें भी आईं कि तन्वी सेठ के नाम और स्थायी पते को लेकर उठे विवाद के बाद एक बार फिर से पूरे मामले की जांच की जा सकती है. पासपोर्ट विवाद के तूल पकड़ने के बाद भले ही आनन-फानन में तन्वी सेठ का पासपोर्ट उन्हें दे दिया गया हो, लेकिन एक बार फिर पासपोर्ट का वेरिफिकेशन किया जा सकता है. खबर है कि अगर पासपोर्ट वेरिफिकेशन में गड़बड़ी पाई गई तो तन्वी सेठ का पासपोर्ट भी जब्त हो सकता है.
दरअसल पासपोर्ट अधिकारी ने इन तीन विसंगतियों को लेकर आपत्ति जताई थी-:
नोएडा में नौकरी, लखनऊ से वर्क फ्रॉम होम
तन्वी सेठ के पते को लेकर पासपोर्ट ने आपत्ति जताई थी, क्योंकि तन्वी सेठ नोएडा की एक कंपनी में 12 साल से काम कर रही हैं, जबकि लखनऊ का निवासी दिखाने के लिए उन्होंने वर्क फ्रॉम होम की जानकारी दी थी.
आरोपी पासपोर्ट अधिकारी ने इसी बात पर पहली आपत्ति जताई थी कि जब तन्वी नोएडा की रहने वाली हैं तो उन्हें गाजियाबाद से पासपोर्ट के लिए अप्लाई करना चाहिए. फिर नोएडा में नौकरी करते हुए कोई 12 साल तक भला कैसे लखनऊ से वर्क फ्रॉम होम के जरिए काम कर सकता है.
नाम बदलने की जानकारी छिपाई गई
पासपोर्ट अधिकारी ने जो दूसरी आपत्ति जताई, वह तन्वी सेठ के नाम बदलने को लेकर था. कपल ने एप्लिकेशन फॉर्म में इस बात का जिक्र ही नहीं किया कि तन्वी ने अपना नाम बदला है. पासपोर्ट अधिकारी के मुताबिक, एप्लिकेशन फॉर्म में एक कॉलम होता है, जिसमें नाम बदलने के बारे में सूचित करना होता है. लेकिन तन्वी सेठ ने इस कॉलम को छोड़ दिया.
नया नाम न जोड़ने पर तीसरी आपत्ति
पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि तन्वी सेठ ने पासपोर्ट आवेदन के साथ अपना जो निकाहनामा दिया था उसमें उनका बदला हुआ नाम सादिया हसन लिखा हुआ था. हालांकि वह सादिया की जगह तन्वी सेठ के नाम से ही पासपोर्ट इश्यू करवाना चाहती थीं.
तन्वी सेठ अपने पुराने नाम से ही पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था और जब पासपोर्ट अधिकारी ने उनसे अपना नया नाम भी पासपोर्ट में जुड़वाने के लिए कहा तो उन्होंने इनकार कर दिया.
दिए गए दस्तावेज मानकों पर पूरे नहीं
जानकारी के मुताबिक, कपल ने जो दस्तावेज पासपोर्ट रिन्यूअल के लिए दिए, वे मानकों पर खरे नहीं उतर रहे थे. आवेदन में तन्वी ने अपनी हाईस्कूल की मार्कशीट और आधार कार्ड लगाया था. दोनों ही दस्तावेजों पर उनका नाम तन्वी सेठ दर्ज है.
इसके अलावा उन्होंने एक प्राइवेट बैंक अकाउंट के पासबुक की फोटोकॉपी भी लगाई है. यह बैंक अकाउंट तन्वी सेठ और मोहम्मद अनस सिद्दीकी के संयुक्त नाम से है. हालांकि नियम है कि सिर्फ राष्ट्रीयकृत बैंक का पासबुक ही मान्य होता है. वहीं उन्होंने जो निकाहनामा लगाया है, उसमें तन्वी का बदला हुआ नाम सादिया दर्ज है.