लखनऊ में विश्व हिंदू महासभा के नेता रंजीत बच्चन की हत्या के बाद मामले की जांच कर रही टीम ने उनका मोबाइल फोन बरामद कर लिया है. अब जांच टीम रणजीत बच्चन के मोबाइल से कॉल रिकॉर्ड खंगालने की कोशिश कर रही है, ताकि कोई सुराग मिल सके.
हिंदूवादी नेता रंजीत बच्चन की हत्या 2 फरवरी की सुबह लखनऊ के हजरतगंज थाना क्षेत्र में उस वक्त की गई थी जब वह वॉक के लिए निकले थे. इस दौरान कुछ हमलावर वहां पहुंचे और गोलियों से रणजीत बच्चन को छलनी कर दिया और ज्यादा खून बहने से उनकी मौत हो गई.
इस घटना के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. इसी क्रम में मृतक रंजीत बच्चन का मोबाइल फोन बरामद किया गया है. पुलिस ने घटनास्थल से ढाई किलोमीटर दूर भैसा कुंड धाम के पास से यह मोबाइल बरामद किया है.
रंजीत बच्चन की पत्नी (फोटो-PTI)
मोबाइल फोन के जरिए कॉल रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है. ताकि हत्याकांड से जुड़ा कोई सुराग मिल सके. मोबाइल फोन रंजीत बच्चन की हत्या की जांच में इसलिए भी अहम है क्योंकि रंजीत की पत्नी ने फोन पर धमकियां मिलने का आरोप लगाया है. ऐसे में मोबाइल के जरिए पुलिस को बड़ी लीड हाथ लग सकती है. हालांकि, पुलिस ने मर्डर के कुछ घंटों बाद ही सीसीटीवी के आधार पर संदिग्ध हमलावरों की तस्वीर भी जारी कर दी हैं.
पुलिस ने रखा इनाम
रंजीत बच्चन हत्याकांड में संदिग्ध की जो तस्वीर पुलिस ने जारी की है, उनकी तलाश के लिए बाकायदा इनाम भी तय किया गया है. पुलिस कमिश्नर ने संदिग्ध की पहचान कर सूचना देने वाले को 50 हजार के इनाम की घोषणा की है. जिसके तहत मोबाइल नंबर 9454400137 और ईमेल सीपीएलकेडब्ल्यू137एट जीमेल डॉट कॉम जारी किया है. सूचना देने वाले शख्स का नाम व पहचान गोपनीय रखा जाएगा.
यह भी पढ़ें- हिंदू नेता की हत्या पर पुलिस ने जारी की संदिग्धों की तस्वीर, इनाम का ऐलान
इसके अलावा पुलिस ने हत्याकांड का खुलासा करने के लिए आठ टीमें गठित की हैं, जो मृतक के आवास के आस-पास लगे 9 सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाल रही हैं.
वहीं, सूत्रों की मानें तो पोस्टमॉर्टम में यह बात सामने आयी है कि रंजीत सिंह की सामने से नाक में एक गोली लगी, जो सिर के पिछले हिस्से में फंस गई. जानकारी ये भी आई है कि हमले में मंगेर के बने पिस्टल का इस्तेमाल किया गया है.
आरोप-प्रत्यारोप भी जारी
मृतक रंजीत बच्चन की पत्नी कालिंदी ने हत्या के पीछे हिंदू विरोधी संगठनों की संलिप्तता का आरोप लगाया है. हालांकि, उन्होंने किसी से रंजिश से इनकार किया है. कालिंदी का कहना है कि रणजीत को फेसबुक और वॉट्सऐप पर अक्सर धमकियां मिलती थीं.
वहीं, पुलिस कमिश्नर ने बताया है कि हत्या के पीछे रंजिश, लूट, पारिवारिक विवाद समेत अन्य बिंदुओं पर पड़ताल की जा रही है और जल्द ही केस का खुलासा हो जाएगा.
यह भी पढ़ें- हिंदूवादी नेता की हत्या को विनय कटियार ने बताया साजिश, CM योगी से की ऐसी अपील