लखनऊ में सैफुल्लाह के एनकाउंटर के बाद सुरक्षा एजेंसियों के हत्थे चढ़े लखनऊ कानपुर मॉड्यूल के रिश्ते भले ही देश के दूसरे ISIS मॉड्यूल के साथ न हों लेकिन सुरक्षा एजेंसियों ने अपनी जांच में पाया कि यूपी के इस संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल का काम करने का तरीका उन्हीं से मिलता जुलता था और ये लोग भी बगदादी से मरते दम तक वफादारी निभाना चाहते थे.
पूछताछ में खुलासा हुआ कि हैदराबाद मॉड्यूल की तरह सैफ़ुल्लाह और उसके साथियों ने मरते दम तक बगदादी के साथ वफ़ा निभाने की रस्म यानी बया ली थी. आतिफ़ मुज्जफर को मॉड्यूल का आमिर (प्रमुख) मानते हुए इन सब ने एक साथ बया ली और उस पर हस्ताक्षर किए. बया यानी बगदादी के प्रति जीने और मारने का प्रण.
जांच एजेसियां अपनी जांच में अभी उन विदेशियों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं, जिसके माध्यम से ये सब एक विशेष एप के जरिये संपर्क में थे. हालांकि अभी तक की जांच में इनके सीरिया से सीधे संपर्क का कोई सबूत एजेंसियों के हाथ नहीं लगा है.
हैदराबाद मॉड्यूल के इब्राहिम यजदानी ने अपनी बया का कागज साइन कर उसका वीडियो और फोटोग्राफ एक एप के जरिये सीरिया में बैठे हैंडलर सफी आर्मर को भेजा था. अभी एजेंसी इस मॉड्यूल के बारे में डाटा हासिल करने की कोशिश कर रही है. एजेंसी जानने की कोशिश कर रही है कि क्या हैदराबाद मॉड्यूल की तरह इन्होंने भी किसी हैंडलर बया भेजी थी.
आपको बता दें कि कुछ दिन ही पहले उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट के मामले में पकड़े गए खुरासान मॉड्यूल के संदिग्ध आतंकियों ने कई जगह कम तीव्रता वाले ब्लास्ट करने का प्रयास किया था. जिसमें वे सफल नहीं हुए थे. एनआईए इन संदिग्धों से पूछताछ कर रही है.