मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस ने एक ऐसे लुटेरी दुल्हन गैंग का पर्दाफाश किया है जो जरूरतमंद कुंवारे युवकों को फंसाकर उनकी शादी करवाता था और बदले में उनसे मोटी रकम ऐंठता था. यही नहीं शादी के कुछ दिन बाद दुल्हन ससुराल से वापस आ जाती थी और फिर किसी और शिकार को तलाश कर उसकी शादी करा दी जाती थी. शुक्रवार को गिरफ्तारी के बाद इस गैंग के 8 लोगों को जेल भेज दिया गया है.
भोपाल क्राइम ब्रांच को शिकायत मिली थी कि फर्जी कागजातों और नाम के जरिए शादी कर पैसे लेकर फरार होने वाली लुटेरी दुल्हन का एक गैंग भोपाल और उसके आसपास के इलाकों में सक्रिय है. क्राइम ब्रांच में कांता प्रसाद नाम के एक शख्स ने बाकायदा इस मामले में एक शिकायती आवेदन दिया था.
पीड़ित ने अपनी शिकायत में कहा कि काफी समय से शादी के लिए लड़की की तलाश कर रहा था और इसी सिलसिले में जब वो भोपाल आया तो उसकी मुलाकात दिनेश पांडे नाम के एक व्यक्ति से हुई, जिसने उसको और उसके परिजनों की मुलाकात पूजा उर्फ रिया नाम की एक लड़की से करवाई.
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लड़की पसंद आने पर दिनेश पांडे ने 85 हजार रुपये की मांग की. शादी के समय दिनेश पांडे को 85 हजार रुपये नगद दिए और इसके बाद दूल्हा कांता प्रसाद और दुल्हन पूजा उर्फ रिया काला पीपल मंडी स्थित अपने गांव आ गए.
इसके कुछ दिन बाद दिनेश पांडे ने फोन कर कांता प्रसाद को कहा कि उसकी पत्नी की भाभी का ऑपरेशन होना है, इसलिए पूजा को घर भेज दो. इस पर कांता प्रसाद ने पत्नी पूजा को कुछ रुपयों के साथ भेज दिया. कुछ दिन फोन पर बात करने के बाद पूजा ने बात करना बंद कर दिया.
कांता प्रसाद ने जब दिनेश पांडे को फोन किया तो उसने ये बोलकर फोन रख दिया कि पूजा अब तुम्हारे पास नहीं आएगी, उसकी शादी कहीं और करवा दी है. इसके बाद कांता प्रसाद ने 85 हजार रुपये की धोखाधड़ी का शिकायती़ आवेदन दिया था.
इसी तरह क्राइम ब्रांच को होशंगाबाद, राजगढ़, शाजापुर जिलों के गांवों से भी ऐसी ही शिकायत मिलने लगी. सभी शिकायतों में समानता थी क्योंकि सभी शिकायतों में शादी से पहले दूल्हे पक्ष से लड़की पसंद आने पर पैसे लेना और फिर शादी के कुछ दिन बाद दुल्हन के ससुराल से फरार हो जाने की घटना शामिल थी.
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इसके बाद पुलिस ने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया. मुखबिर से सूचना मिली कि गिरोह रिंकू कुशवाह नाम के एक युवक को अगला शिकार बनाने वाला है, जिसके बाद युवक को भोपाल बुलाया गया और जाल बिछाकर दिनेश पांडे, तेजुलाल, विक्रम, सीमा खान, सुल्ताना को लालघाटी भोपाल से घेराबंदी कर गिरफ्त में लिया गया. पूछताछ में 3 और लोगों के बारे में जानकारी मिली, उन्हें भी गिरफ्तार कर पूछताछ की गई. करीब 2 दिनों तक चली पूछताछ में पता चला कि गिरोह का मास्टरमाइंड दिनेश पांडे है जो लॉकडाउन में नौकरी जाने से परेशान था और एक महिला से संपर्क में आने के बाद उसने लुटेरी दुल्हनों का ये गैंग बनाया.
हर शादी के तीस हजार रुपये दिए जाते थे
गैंग की महिला सदस्यों में शामिल पूजा उर्फ रिया का असली नाम टीना धाकड़ है, जो भोपाल से सटे मंडीदीप की रहने वाली है. टीना धाकड़ नाम बदल-बदलकर कभी पूजा उर्फ रिया, पिंकी उर्फ माया रखती थी. इसके अलावा गैंग की दूसरी महिला सदस्य भी यही तरीका अपनाती थी. लुटेरी दुल्हनों को हर शादी के 30 हजार रुपये दिए जाते थे.