मध्य प्रदेश के मंदसौर के रहने वाले दो युवकों को टिक-टॉक वीडियो बनाना महंगा पड़ गया. दरअसल, इन दोनों युवकों ने पिस्टल लहराते हुए टिक-टॉक वीडियो बनाया, जो वायरल हो गया. इसके बाद पुलिस ने दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है. टिक-टॉक वीडियो बनाने के लिए ही दोनों ने पिस्टल खरीदा था.
मल्हारगढ़ पुलिस थाना प्रभारी दिलीप राजोरिया ने बताया कि महू-नीमच राजमार्ग पर दो युवकों ने मोटरसाइकिल पर पिस्टल लहराते हुए एक वीडियो बनाया और उसे टिक-टॉक ऐप पर डाल दिया था. पुलिस ने वीडियो देखा और उसके बाद वीडियो में दिखी जगह चिन्हित की तो वह महू-नीमच राजमार्ग पर ही सूंठोद के पास की निकली. इतना पता चलते ही वीडियो को और बारीकी से देखा गया, जिसमें सिर्फ 2 सेकंड के लिए पिस्टल वाले हाथ पर राहुल नाम लिखा हुआ दिखा.
इसके बाद आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस टीम रवाना हुई. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों की तस्दीक करने के बाद दोनों की पहचान कन्हैया और राहुल के रूप में हुई. पुलिस को कन्हैया के पास से 32 बोर की पिस्टल, एक कारतूस मिली, जबकि राहुल की जेब से दो कारतूस और एक मोटरसाइकल बरामद की गई. पुलिस ने दोनों आरोपियों को आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया.
पुलिस का कहना है कि इन्होंने टिक-टॉक के चक्कर मे हथियार खरीद लिया और अब इनका भविष्य खराब हो गया. युवाओं को इस तरह का वीडियो बनाने से बचना चाहिए. दोनों युवकों को अपनी भारी गलती का एहसास हो रहा है. राहुल का कहना है कि लाईक और कमेंट के चक्कर में हमने अपना करिअर बर्बाद कर लिया.