मध्य प्रदेश पुलिस ने इंदौर के शिल्पू भदौरिया खुदकुशी केस में बड़ी सफलता हासिल करते हुए सारे आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इंदौर के एक होटल के कमरे की खिड़की से कूदकर शिल्पू ने 7 अगस्त को जान दे दी थी. पुलिस होटल के कमरे में मिले सबूत और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाही करेगी. पुलिस इस संबंध में होटल प्रबंधन की लापरवाही की भी जांच कर रही है. सभी आरोपी को स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक, शिल्पू ने होटल लेमन ट्री के कमरा नंबर 418 से छलांग लगाकर जान दी थी. वारदात के वक्त कमरे में मृतक का लिव-इन पार्टनर आशुतोष और उसके दो दोस्त मौजूद थे. उस वक्त वह सभी शराब और सिगरेट पी रहे थे. इसके कारण शिल्पू भड़क गई. उसने अपने ब्वॉयफ्रेंड को ये सब करने के लिए मना किया. आशुतोष के इंकार करने पर शिल्पू ने अपनी जान देने की बात कही जिसे उसने मजाक समझते हुए दरकिनार कर दिया.
धमकी देने का बाद दी जान
इसके बाद शिल्पू ने कमरे की बालकनी से छलांग लगाकर खुदकुशी कर ली. इस घटना के बाद कमरे में मौजूद तीनों युवकों के हाथ-पैर फूल गए. आशुतोष के दोस्त नीरज दंडोतिया और शैलेंद्र सारस्वत तुरंत ही वहां से फरार हो गए. पुलिस को दिए अपने बयान में आरोपी आशुतोष ने बताया कि फ्रेंडशिप डे वाले दिन उसने अपने दोस्तों के साथ पार्टी का प्रोग्राम बनाया हुआ था. तकरीबन सात बजे शिल्पू भी उसके कहने पर उसके दोस्तों से मिलने आई हुई थी.
आरोपियों के अलावा भी थे लोग
कमरे में शराब और सिगरेट देखकर दोनों में विवाद हुआ. विवाद बढ़ने पर उसने आत्महत्या कर ली. वारदात के वक्त कमरे में तीनों युवकों के अलावा एक और युवक राजेंद्र भी था. वह टैटू बनाने के काम करता है. आशुतोष और उसके दोस्तों ने उससे टैटू बनवाया था. इससे भी शिल्पू नाराज हो गई थी. उससे पहले नीरज और शैलेंद्र की एक दोस्त भी मिलने आई थी, लेकिन उनकी भूमिका ना होने के कारण दोनों को इस केस का आरोपी नहीं बनाया गया है.