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महागुन सोसाइटी की घटना से सहमे दिल्ली-NCR के लोग

नोएडा के थाना सेक्टर 49 क्षेत्र के सेक्टर 78 स्थित महागुन मॉडर्न अपार्टमेंट में रहने वाले एक परिवार के लोगों के घरेलू नौकरानी पर पैसे चोरी करने के आरोप के बाद बुधवार सुबह नौकरानी के परिजनों ने सैकड़ों अन्य लोगों के साथ मिलकर सोसाइटी पर धावा बोला, जमकर तोड़फोड़ और पथराव किया.

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महागुन सोसाइटी
महागुन सोसाइटी

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नोएडा के थाना सेक्टर 49 क्षेत्र के सेक्टर 78 स्थित महागुन मॉडर्न अपार्टमेंट में रहने वाले एक परिवार के लोगों के घरेलू नौकरानी पर पैसे चोरी करने के आरोप के बाद बुधवार सुबह नौकरानी के परिजनों ने सैकड़ों अन्य लोगों के साथ मिलकर सोसाइटी पर धावा बोला, जमकर तोड़फोड़ और पथराव किया. मामले में नौकरानी ने अपनी मालकिन सहित कई लोगों को नामित करते हुए थाना सेक्टर 49 में मुकदमा दर्ज कराया है और साथ ही महागुन मॉडर्न अपार्टमेंट सोसाइटी ने भी 100 से ज्यादा अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है. इस घटना के बाद से दिल्ली एनसीआर की तमाम बड़ी सोसाइटी के लोगो के मन मे डर बैठ गया है. सभी के मन मे यही खौफ है कि कही ऐसी घटना उनके साथ भी न हो जाए.

नोएडा, प्रतीक विस्तीरिया अपार्टमेंट

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नोएडा के सेक्टर 78 में स्थित इस पॉश सोसाइटी के लोग सहमे हुए हैं. इनको डर है कि घरेलू सहायता के लिए नौकरानियों को घरों में दाखिला देना कहीं भारी न पड़ जाए. सोसाइटी में ज्यादातर युवा जोड़े दफ्तरों में काम करते हैं और घरों में बुजुर्ग माता-पिता ही घर की साफ सफाई का काम नौकरानियों से करवाते हैं. जिनके पास न तो पुलिस वेरिफिकेशन होता है और न ही कोई पहचान पत्र. ऐसे में अब उन्हें अपनी सुरक्षा खतरे में दिख रही है. इसी सोसाइटी के रहने वाले 68 साल के विजय खुल्लर का कहना है कि वे अब सोच में पड़ गए हैं कि इन पर भरोसा कैसे करें, वे घर में अकेले रहते हैं. वे कहते हैं कि पिछली नौकरानी को उन्होंने पर्स से पैसे चुराते खुद देखा लेकिन डर से कुछ बोल नहीं पाए. डर था कि कहीं वो मुझ पर यौन शोषण का आरोप न लगा दे. अब इस बुढ़ापे में इनसे काम लेना मजबूरी है पर अब हालात वाकई ठीक नहीं हैं.

द्वारका , प्रगतिशील अपार्टमेंट

नोएडा की तरह ही द्वारका भी पूरी तरह रिहाइशी इलाका है. यहां कई बड़ी पॉश सोसाइटीज में एक प्रगतिशील अपार्टमेंट में रहने वाली 65 साल की रीता आहूजा का मानना है कि इस उम्र में काम नहीं होता. बेटा-बहू दोनों काम पर जाते हैं. ऐसे में घर पर नौकरानी रखना जरूरत से ज्यादा मजबूरी है. वो कहती हैं, महागुन जैसी पॉश सोसाइटी में ऐसी घटना घटने के बाद सुरक्षा बड़ा सवाल है. अब तो इनकी गलतियों पर उन्हें टोकने से भी डर लगने लगा है.

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सेक्टर 47,  गुड़गांव

दिल्ली से सटे गुड़गांव में भी देश भर से आए युवा बेहतर भविष्य का सपना ले कर आते हैं. गुड़गांव के हर सेक्टर में युवा जोड़े किराये के घरों में रहते हैं और इनमें से ज्यादातर जोड़े वर्किंग होते हैं. घरों में साफ-सफाई और खाना बनाने का काम भी यहां नौकरानियां करती हैं. गुड़गांव के सेक्टर-46 में इंदरप्रीत अपनी बीवी के साथ रहते हैं. उनका कहना है कि पहले तो यहां मेड मिलती नहीं, अगर मिल भी जाए तो उनके रेट्स आसमान छूने वाले होते हैं. यहां नौकरानियां एक साथ दस-दस घरों में काम करती हैं. कोई डाक्यूमेंट्स नहीं, कोई आईडी प्रूफ नहीं. इन्हें रखना मजबूरी है. घरेलू नौकरानियां हर घर की जरूरत हैं पर मौजूदा हालात में रिहाइशी इलाकों में रहने वाले लोगों के मन मे इनको लेकर सवाल उठने भी लाजमी हैं.

 

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