रेवाड़ी गैंगरेप मामले में 25 गांवों के एक महापंचायत में यह फरमान सुनाया गया कि कोई वकील इन आरोपियों की जमानत के लिए कचहरी में जिरह न करे. महापंचायत के सदस्य चंडीगढ़ में बार एसोसिएशन से मिलकर मुकदमा न लड़ने की अपील करने की तैयारी में हैं.
A 'Mahapanchayat' combining of 25 villages was held in Kosli town over Rewari gangrape case, it decided that no practicing lawyer will help any of the accused. Mahapanchayat has also written to Haryana Governor seeking strict action against accused
— ANI (@ANI) September 17, 2018
हरियाणा के राज्यपाल को एक पत्र भेजकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया गया है. साथ ही, प्रदेश की पुलिस व्यवस्था इस मामले में कोई चूक न करे, इसे सुनिश्चित करने की मांग की गई है.
दूसरी ओर, रेवाड़ी के जिस गांव में यह वारदात हुई है, वहां के लोगों का आरोप है कि पुलिस असल आरोपियों को गिरफ्तार करने में नाकाम रही है. उनका यह भी कहना है कि पुलिस बेवजह बेगुनाह लड़कों को परेशान कर रही है. गांव वालों का कहना है कि पुलिस ने 22 निर्दोष लड़कों को उठा लिया और उन्हें पीटा जा रहा है, जबकि उनका इस केस से कोई लेना-देना नहीं.
उन 22 लड़कों में एक के परिजन ने बताया कि पुलिस चूंकि असल आरोपियों को नहीं पकड़ पा रही है, इसलिए बेगुनाहों को बिना गलती मारा-पीटा जा रहा है.
गौरतलब है कि रेवाड़ी में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित छात्रा से गैंगरेप मामले में पुलिस ने तीन मुख्य आरोपियों में से एक नीशू को गिरफ्तार कर लिया है. एसआईटी चीफ नाजनीन भसीन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस मामले में एसआईटी ने 30 घंटे के भीतर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद अब तीन में से एक मुख्य आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.इस मामले में पहले दो आरोपियों दीनदयाल और डॉक्टर संजीव को गिरफ्तार किया गया था, जबकि दो मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं. एसपी नाजनीन भसीन ने बताया कि गिरफ्तार किया गया आरोपी दीनदयाल उस ट्यूबवेल का मालिक है जहां इस घटना को अंजाम दिया गया. वहीं डॉक्टर संजीव पीड़िता को प्राथमिक उपचार देने पहुंचा था. इन दोनों से पूछताछ में काफी जानकारी मिली है.