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पूर्व ATS चीफ हिमांशु रॉय की मौत पर कांग्रेस ने महाराष्ट्र सरकार से पूछे सवाल

सुपरकॉप हिमांशु रॉय अप्रैल 2016 से मेडिकल लीव पर थे. उस समय उन्हें 6 महीने की छुट्टी दी गई थी, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया. रॉय ने शुक्रवार को दोपहर 1.40 बजे गोली मार ली. अस्पताल पहुंचने तक उनकी मौत हो चुकी थी.

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महाराष्ट्र के पूर्व एटीएस चीफ हिमांशु रॉय
महाराष्ट्र के पूर्व एटीएस चीफ हिमांशु रॉय

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महाराष्ट्र के पूर्व एटीएस चीफ हिमांशु रॉय की खुदकुशी पर कांग्रेस पार्टी ने प्रतिक्रिया देते हुए राज्य की महाराष्ट्र सरकार से सवाल पूछे हैं. कांग्रेस नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने राज्य सरकार पर सुपरकॉप हिमांशु रॉय को इग्नोर करने का आरोप लगाया है.

उन्होंने कहा कि ये सवाल सबके मन में है कि ऐसी क्या परिस्थितियां बनीं कि उन्होंने इतना बड़ा कदम उठा लिया. महाराष्ट्र ही नहीं पूरी मुंबई उनकी आभारी है कि उन्होंने अपने इतने साल इस शहर की सुरक्षा में लगाए. ये बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और हम सबके लिए बड़ा नुकसान है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि पिछले कुछ समय से होम डिपार्टमेंट ने उनकी हर गुजारिश को साइडलाइन कर दिया था. उन्होंने इसके खिलाफ आवाज भी उठाई थी और ये भी लोगों ने देखा है कि कैसे एक खास वर्ग के लोगों ने उनके खिलाफ साजिश की. उन्हें कोई महत्वपूर्ण पद नहीं दिया गया था. राज्य सरकार से ये सवाल है कि आखिर उनके साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया गया?

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बता दें कि हिमांशु रॉय अप्रैल 2016 से मेडिकल लीव पर थे. उस समय उन्हें 6 महीने की छुट्टी दी गई थी, जिसे बाद में बढ़ा दिया गया. रॉय ने शुक्रवार को दोपहर 1.40 बजे गोली मार ली. अस्पताल पहुंचने तक उनकी मौत हो चुकी थी.

हिमांशु रॉय ने महाराष्ट्र पुलिस में आखिरी पद एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस (हाउसिंग) का संभाला था. वे भारतीय पुलिस सेवा के 1988 बैच के अफसर थे. उन्होंने 2010 से 2014 के बीच ज्वॉइंट कमिश्वर क्राइम का पद संभाला था. इस दौरान उन्होंने IPL सट्टेबाजी प्रकरण के साथ लैला खान और उसके पांच रिश्तेदारों के मर्डर केस जैसे हाईप्रोफाइल मामले की जांच की अगुवाई की थी.

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