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मालेगांव ब्लास्ट में आरोपी हैं साध्वी प्रज्ञा, जानें कहां तक पहुंचा है केस

मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार को मध्य प्रदेश की भोपाल संसदीय सीट से टिकट देने का ऐलान कर दिया.

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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (फोटो- इंडियाटुडे आर्काइव)
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर (फोटो- इंडियाटुडे आर्काइव)

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मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बुधवार को मध्य प्रदेश की भोपाल संसदीय सीट से टिकट देने का ऐलान कर दिया. जहां उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के दिग्गज नेता और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से होगा. साध्वी भले ही बीजेपी का दामन थामकर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, लेकिन उन पर अभी भी मालेगांव ब्लास्ट से जुड़ा एक मामला चल रहा है.

जमानत पर जेल से बाहर आई साध्वी प्रज्ञा ठाकुर 2008 में मालेगांव में हुए ब्लास्ट के मामले में अभी भी एक आरोपी है. वह वर्तमान में मुकदमे का सामना कर रही हैं. मालेगांव ब्लास्ट केस के विशेष लोक अभियोजक अविनाश रसाल के मुताबिक साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर इस मामले की एक आरोपी हैं. हालांकि चुनाव लड़ने के लिए उन्हें किसी अदालत से अनुमति लेने की कोई आवश्यकता नहीं है.

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विस्फोट मामले के लिए प्रज्ञा के खिलाफ यूएपीए के तहत आरोप पत्र सौंपा गया है. इस मामले में अब तक 109 गवाहों को अदालत में पेश किया जा चुका है. जिनमें से ज्यादातर गवाह मालेगांव विस्फोट के पीड़ित और डॉक्टर हैं. इससे पहले साध्वी ने अस्पताल में भर्ती होने के बाद अपने स्वास्थ्य का हवाला देकर अदालत में पेश होने से छूट मांगी थी, क्योंकि वो अस्पताल में भर्ती थी.

हालांकि अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद भी साध्वी प्रज्ञा अदालत में नहीं आईं क्योंकि उन्होंने अब तक अदालत में आए सभी गवाहों से संबंधित दस्तावेज स्वीकार कर लिए हैं. इसका मतलब है कि साध्वी प्रज्ञा और अन्य सभी अभियुक्तों ने स्वीकार किया है कि मालेगांव में एक विस्फोट हुआ था. जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी और कई लोग घायल भी हुए थे. और इसी की गवाही देने कई लोग आए हैं. लेकिन सभी आरोपियों के अनुसार, वे लोग इस मामले में शामिल नहीं हैं.

मालेगांव ब्लास्ट

महाराष्ट्र में नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितम्बर 2008 को खौफनाक बम ब्लास्ट हुआ था. उस धमाके में 7 बेगुनाह लोगों की जान चली गई थी, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. ये धमाका रमजान के माह में उस वक्त किया गया था, जब मुस्लिम समुदाय के बहुत सारे लोग नमाज पढ़ने जा रहे थे. इस धमाके के पीछे कट्टरपंथी हिंदू संगठनों का हाथ होने की बात सामने आई थी. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, स्वामी असीमानंद और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को मुख्य आरोपी बनाया गया था. एनआईए की विशेष अदालत ने पिछले जून 2016 में आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

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उस वक्त एनआईए ने जांच के बाद दावा किया था कि इस विस्फोट को दक्षिणपंथी संगठन अभिनव भारत ने अंजाम दिया था. इस मामले में पुरोहित ने साजिश रचने वाली बैठकों में सक्रियता से हिस्सा लिया है. वह विस्फोट में इस्तेमाल करने के लिए विस्फोट का इंतजाम करने के लिए राजी हो गए थे. हालांकि, पुरोहित ने इंकार किया था.

मालेगांव ब्लास्ट में कब-क्या हुआ?

- 29 सितंबर, 2008 में मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था. इसमें कुल 7 लोग मारे गए, जबकि 80 से अधिक लोग घायल हुए थे.

- इस केस में एटीएस की जांच में 'अभिनव भारत' संस्था का नाम सामने आया था.

- 24 अक्टूबर, 2008 को इस मामले में स्वामी असीमानंद, कर्नल पुरोहित सहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह को गिरफ्तार किया गया था.

- जुलाई, 2009 में स्पेशल कोर्ट ने सभी आरोपियों पर मकोका लगा दिया था.

- जुलाई 2010 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों पर मकोका जारी रखा था.

- 15 अप्रैल, 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलटकर मकोका को हटा दिया.

- 25 अप्रैल, 2017 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को सशर्त जमानत दे दी है.

- 18 अप्रैल, 2019 को प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया. बीजेपी ने प्रज्ञा को भोपाल से लोकसभा प्रत्याशी बना दिया.

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